Move to Jagran APP

झारखंड से जुड़ जाएगा सीमांचल, गंगा पर पुल के साथ फोरलेन सड़क का निर्माण शुरु, घट जाएगी इतनी किमी दूरी

कटिहार में गंगा पर पुल के साथ फोरलेन रोड का काम जल्‍द शुरू होने जा रहा है। इससे झारखंड और सीमांचल के बीच की दूरी घट जाएगी। यहां के लोग आसानी से आ जा सकेंगे। अभी दोनों जगहों के लोगों को सहूलियत होगी।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 07:10 AM (IST)
झारखंड से जुड़ जाएगा सीमांचल, गंगा पर पुल के साथ फोरलेन सड़क का निर्माण शुरु, घट जाएगी इतनी किमी दूरी
कटिहार में फोरलेन रोड का काम शुरू हो गया है।

कटिहार [प्रीतम ओझा]। गंगा से सीमांचल की तकदीर झांकने लगी है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इस परिक्षेत्र की तस्वीर बदली-बदली नजर आएगी। मनिहारी व झारखंड के साहिबगंज के बीच गंगा पर पुल का निर्माण शुरू हो चुका है। यह पुल बिहार को झारखंड राज्य को आपस में जोड़ेगा, तथा आर्थिक उन्नति का द्वार भी खोलेगा। दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक, आर्थिक व सांस्कृतिक विकास को नया आयाम मिलेगा। इस पुल के निर्माण से समय व लागत की बचत भी लोगों को होगी।

loksabha election banner

इसके साथ ही मनिहारी के नरेनपुर (नारायणपुर)से पूर्णिया तक फोरलेन सड़क(राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 131ए) का निर्माण भी शुरु है। पुल व सड़क निर्माण से सीमांचल के विकास को एक नई रफ्तार मिलनी तय है। इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को पंख लगने तय हैं। पूर्वोत्तर भारत का शेष भारत से जुड़ाव का यह सुलभ मार्ग होगा। इससे औद्योगिक विकास की एक नई संभावना भी पैदा होगी।

दशकों की मांग को मिल रहा आकार, 2024 पूरा होना है पुल निर्माण

पुल व सड़क के निर्माण से क्षेत्र के विकास की रफ्तार भी तेज होगी। क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मनिहारी से साहिबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल की मांग दशकों से रही थी। विश्व प्रसिद्ध अभियंता डा. विश्वशरैया ने भी उस वक्त इसे उपयुक्त माना था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के साहिबगंज जिला में इस पुल की आधारशिला रखी। कई झंझावतों व तकनीकी खामियों से गुजरती यह परियोजना जुलाई 2020 में बलवती हुई। जुलाई 2020 में दिलीप बिल्डकॉन को इस पुल निर्माण का टेंडर मिला। 1900 करोड़ की लागत से बनने वाली इस पुल का निर्माण 30 अक्टूबर 2024 तक पूर्ण होना है।

पुल की लंबाई छह किलोमीटर के आसपास है। फोरलेन वाले इस पुल में 21 किलोमीटर एप्रोच भी बनेगा। एप्रोच पथ की लंबाई 15 किलोमीटर झारखंड में तथा छह किलोमीटर मनिहारी (बिहार) की तरफ बनेगा। पुल को एक्स्ट्रा डोज तकनीक से बनाया जाएगा। पुल निर्माण कराने वाली कंपनी दिलीप बिल्डकॉन का बेस कैंप मनिहारी के भेरियाही व हवा महल में बन चुका है। यहां कंपनी के अभियंता, अधिकारी व कर्मी कई माह पूर्व पहुंच चुके है। निर्माण सामग्री सहित अन्य संसाधन तीव्र गति से मनिहारी के बेस कैंप में पहुंचने लगे हैं। पुल के निर्माण कार्य की भी तैयारी जोरों पर है। निर्माण का कार्य दोनों तरफ से होगा। जिस हवामहल दियारा में कभी झौआ व कास के जंगल के कारण लोग जाने से कतराते थे, वही अब निर्माण कंपनी का बड़े भूभाग में बेस कैंप बन गया है। यहां निर्माण कार्य की सामग्री सहित अन्य संसाधन पहुंच गए हैं। कंपनी के लोग जोर शोर से लगे हुए है।

वही नरेनपुर(नारायणपुर) से पूर्णिया फोरलेन पथ (राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 131ए)का निर्माण भी शुरू हो गया है। यह फोरलेन मनिहारी साहिबगंज पुल से जहां जुटेगी, वही पूर्णिया में पूर्वोत्तर भारत की ओर जानेवाली ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर(राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31) को भी जोड़ेगी। इसकी लागत 1805 करोड़ रुपये है तथा लंबाई 49 किलोमीटर के आसपास है। मनिहारी साहिबगंज गंगा नदी पर फोरलेन सड़क पुल व नरेनपुर(नारायणपुर) से पूर्णिया फोरलेन के निर्माण कार्य शुरू होने से मनिहारी सहित जिला का विकास का द्वार खुलेगा। झारखंड राज्य का बिहार, पूर्वोत्तर राज्यो, सिक्किम, भूटान सहित कोशी सीमांचल से सीधे जुड़ जाएगा। खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड राज्य से स्टोन चिप्स, भवन निर्माण मेटेरियल, कोयला सहित अन्य सामग्री सीधे पहुचेगी। समय व कम दूरी होने व लागत कम आने से आम लोगों सहित सरकारी पुल पुलिया, भवन निर्माण, सड़क निर्माण सामग्री सहज उपलब्ध होंगे। गंगा नदी पर पुल निर्माण व फोरलेन निर्माण का कार्य तीव्र गति से शुरू होने से लोगों में काफी खुशी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.