प्रेरणाश्रोत : खुद की पॉकेट मनी और प्रतियोगिताओं में मिली नगद राशि से खरीदी कंबल, जरूरतमंदों को बांटा
माउंट कार्मेट स्कूल की छठी की छात्रा विद्या रानी ने मकरसंक्रांति पर तिलकामांझी में असहायों के बीच कंबल का वितरण किया। उनकी सेवाभावी कार्य की सबने सराहना की।
भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्ला]। खुद की पॉकेट मनी और विभिन्न प्रतियोगिता से मिले नगद राशि को बचाकर एक छात्रा ने कुछ कंबल खरीदी और उसे गरीब व असहाय के बीच बांट दिया। हालांकि यह सेवाभावी कार्य वे पिछले आठ वर्षों से करतीं आ रहीं हैं। यह प्रेरणादायी कार्य करने वाली विद्या रानी माउंट कार्मेल स्कूल की छठी वर्ग की छात्रा है।
विद्या ने बुधवार को तिलकामांझी चौक के पास जरूरतमंदों को 30 कंबल बांटे। उन्होंने गरीब और असहाय व्यक्तियों को कंबल ओढ़ाकर उनके चरण छूए और उनसे आशीर्वाद लिया। कंबल लेने वालों की संख्या ज्यादा हो जाने पर कुछ लोगों को उन्होंने अपने घर पर बुलाकर कंबल दिया। इस दौरान विद्या के नाना प्रेमचंद सिंह, मौसी शिखा रानी के अलावा स्कूली मित्र अर्पिता चटर्जी, साक्षी, काव्या आदि उपस्थित थे।
विद्या तिलकामांझी में अपने नाना-नानी के पास रहतीं हैं। उनके माता-पिता बांका में नौकरी करते हैं। पिता विकास कुमार वहां सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। मां सीमा रानी पीआरएस है।
विद्या ने बताया कि सामाजिक गतिविधियों में सभी को हिस्सा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा गरीबों की सेवा करना ही सच्ची मानवता है। प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह बच्चा ही क्यों न हो, उन्हें सबका सहयोग करना चाहिए। कुछ धन बचाकर जरूरतमंदों को देने से उनका कल्याण होगा। गरीबों की सेवा ही ईश्वर की पूजा है।
विद्या प्रत्येक वर्ष अपने जन्मदिन पर तिलकामांझी दुर्गा मंदिर में लगभग तीन सौ गरीब और असहायों को भोजन करातीं हैं। और मकरसक्रांति पर कंबल वितरण करतीं हैं।
विद्या प्रतिदिन स्कूल में पढ़ाई के अलावा घर में चार घंटे खुद से पढ़ती हैं। अब तक स्कूल स्तर पर हुई सभी परीक्षाओं ने उन्होंने 92 प्रतिशत औसत अंक प्राप्त किया है। वे पढ़ाई में भी काफी तेज हैं। अपने वर्ग की सहपाठियों का सहयोग करतीं हैं। पढ़ाई के दौरान अगर अपने किसी साथी को कोई परेशानी हो तो उनकी सहायता के लिए हमेशा आगे रहतीं हैं। कोई भी उनके पास बेझिझक आकर किसी भी विषय में कुछ भी पूछती है तो विद्या उसे शिक्षक की तरह समझाकर बतातीं हैं। गणित की कठिन से कठिन प्रश्न वह चुटकियाें में हल कर लेतीं हैं। इस कारण वे स्कूल की सभी शिक्षिकाओं की प्रिय हैं।
विद्या बेहतरीन चित्र बनातीं हैं। उन्हें चित्रकला और भाषण प्रतियोगिताओं में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई सारे पुरस्कार मिले हैं। पुरस्कार में उन्हें नगद राशि भी मिली है। उनका घर मेडल और प्रमाणपत्रों से सजे हुए हैं। जिला स्तर पर भी विद्या ने कई प्रतियोगिताओं ने भाग लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। स्कूल स्तर पर भी प्रतियोगिता में उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। बिहार के बाहर जहां भी उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लिया बेहतरीन प्रदर्शन किया और राज्य का नाम बढ़ाकर लौंटीं। उन्होंने भागलपुर का नाम देश के मानचित्र पर रोशन किया है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें हमेशा बेहतर रेंक मिला है।