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विद्यालय प्रधान ने बदली परिभाषा, मिशाल बन गया विद्यालय

सरकारी विद्यालय की परिभाषा बदल डाली है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 04:06 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 04:06 PM (IST)
विद्यालय प्रधान ने बदली परिभाषा, मिशाल बन गया विद्यालय
विद्यालय प्रधान ने बदली परिभाषा, मिशाल बन गया विद्यालय

कटिहार (संजीव मिश्रा) : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर सरकारी विद्यालयों के व्यवस्था पर लगातार सवाल उठता रहा है। लेकिन एक विद्यालय ने अपने प्रयास से सरकारी विद्यालय की परिभाषा बदल डाली है। उनके प्रयास से जिले में यह विद्यालय मिशाल बन चुका है। विद्यालय के प्रधानाध्यपक कृष्णनंद कुमार के प्रयास से न केवल विद्यालय को आधुनिक संसाधन से लैस किया गया है। बल्कि यहां बच्चों को आधुनिक तकनीक से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। विद्यालय को आधुनिक प्रयोगशाला से सुसज्जित करने के साथ ही यहां कला मंच का निर्माण सहित कई बेहतर व्यवस्था लागू है। इसके साथ ही बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था के कारण विद्यालय के बच्चे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में अपना परचम लहरा चुके हैं।

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विद्यालय की बेहतर व्यवस्था को लेकर सूबे के कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि भी विद्यालय पहुंचकर व्यवस्था की न केवल तारिफ की वरन अन्य विद्यालयों को भी इससे प्रेरणा लेकर इसी तरह की व्यवस्था अन्य विद्यालयों में भी लागू करने की घोषणा की। आधुनिक प्रयोगशाला वाला यह विद्यालय क्षेत्र में मिशाल बन चुका है। विद्यालयों के शिक्षकों के साथ ही यहां समय समय पर विशेषज्ञ शिक्षकों को बुलाकर बच्चों को अतिरिक्त शिक्षा दी जाती है। साथ ही कला संस्कृति को प्रेरित करने के लिए संगीत और कला में रूची रखने वाले छात्रों के लिए वर्ग कक्ष का संचालन कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।

एक हजार बच्चों को मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा :

इस विद्यालय में कुल 1003 बच्चे नामांकित हैं। जबकि 19 कमरों से विद्यालय भवन सुसज्जित है। एक एकड़ में स्थित विद्यालय परिसर में बागवानी, कचरा प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल सहित अन्य सुविधाओं की विशेष व्यवस्था है। बता दें कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक के रूप में कृष्णनंदन कुमार डेढ़ वर्ष पूर्व योगदान दिया था। इसके बाद से विद्यालय की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। विद्यालय में बनी नालंदा विश्वविद्यालय की प्रतिकृति विद्यालय की शोभा में चार चांद लगा रहा है। पहली बार विद्यालय ने वृहद विज्ञान मेला का आयोजन कर क्षेत्र में चर्चा कायम की थी। इसके बाद लगातार विकास कार्य जारी है।

पर्यवारण संरक्षण कर प्रोजेक्ट तैयार कर रहे छात्र :

विद्यालय के बच्चे शिक्षकों की मदद से पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। इसके तहत कचरा प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण आदि महत्वपूर्ण ¨वदूओं पर कार्य चल रहा है। वहीं शौचालय निर्माण एवं इसके प्रयोग को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेणु कला मंच के कलाकारों के सहयोग से राष्ट्रीय मिशन के तहत इज्जत नामक लघु फिल्म का निर्माण कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है।


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