Sankashti Chaturthi 2022 : सकट चौथ - गणेश चतुर्थी पर ॐ गं गणपतये नमः का करें जाप, जानें क्यों महिलाएं करती हैं ये विधान
Sankashti Chaturthi 2022 सकट चौथ- गणेश चतुर्थी के दिन रखने वाले व्रत को संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। इस दिन गणेश जी की आराधना की जाती है। महिलाएं इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करती हैं।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। 'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥' इस मंत्र के स ॐ गं गणपतये नमः का जाप गणेश चतुर्थी के दिन फलदायक माना गया है। गणपति महाराज की अराधना करते हुए महिलाएं संकष्टी चतुर्थी के दिन पूरे विधि विधान से बप्पा की पूजा करती हैं। संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है। 21 जनवरी 2022 दिन शुक्रवार मानें आज सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी का त्योहार है।
17 जनवरी को पौष पूर्णिमा के बाद 18 जनवरी से माघ माह की शुरुआत हो चुकी है। 16 फरवरी 2022 तक माघ माह रहेगा।। माघ के माह में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी त्योहार को सकट के रूप में जाना जाता है। इस दिन को माघी कृष्ण चतुर्थी, वक्रतुंडी चतुर्थी या तिलचौथ भी कहा जाता है। सकट माता के साथ-साथ गणेश भगवान की पूजा होती है। इस दिन व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। माताएं गणेश चौथ का व्रत करके अपनी संतान की दीर्घायु और उनके सभी कष्टों के निवारण की कामना भगवान से करती हैं।
इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं शाम के वक्त चंद्रोदय के साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती है।शिव पुराण के मुताबिक चतुर्थी की पूजा सभी पापों का नाश करने वाली और उत्तम भोगरूपी फल देने वाली होती है। संतान के उज्ज्जवल भविष्य और दीर्घायु होने के लिए लिए गणेश जी की पूजा का विधान है।
कैसे की जाती है पूजा
सुबह उठकर नित कर्म करने के पश्चात गणेशजी की पूजा और व्रत करने का संकल्प लिया जाता है। उसके बाद एकांत में बैठकर गणपति महाराज के अथर्वशीर्ष का पाठ किया जाता है, जो अत्यन्त शुभकारी और लाभकारी होता है। कच्चे दूध, पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर, पुष्प वस्त्र आदि को समर्पित करते हुए तिल तथा