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मंदार हिल रेलवे स्टेशन पर साफ-सफाई व्यवस्था नदारद, पर्यटकों का स्वागत कर रहा कूड़ा-करकट

मंदार हिल रेलवे स्टेशन पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पर्यटन को लेकर इस क्षेत्र को काफी डेवलप किया गया है। बावजूद इसके स्टेशन में सफाई व्यवस्था नदारद है। यहां दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इस स्टेशन से 25 से 30 लाख रुपये प्रतिमाह प्राप्त होता है राजस्व।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 07 Mar 2022 04:17 PM (IST)Updated: Mon, 07 Mar 2022 04:17 PM (IST)
मंदार हिल स्टेशन पर गंदगी का लग रहा अंबार।

संवाद सहयोगी, बौंसी (बांका): अधिक राजस्व देने के बाद भी मंदार हिल रेलवे स्टेशन की साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। स्थिति ऐसी है कि पिछले दिनों रात में एक कुत्ते के प्लेटफार्म पर किसी कारण से मर जाने से कई घंटे तक प्लेटफार्म पर पड़ा रहा। इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दूसरे दिन रविवार दोपहर बाद यात्रियों ने काफी विरोध किया। इसके बाद प्रबंधक द्वारा साफ सफाई कराई गई। रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

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यात्री राकेश सिंह ने बताया कि सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं होने से स्टेशन परिसर में हर तरफ गंदगी फैली हुई है। शौचालय से लेकर दोनों प्लेटफार्म पर गंदगी से यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है। हर दिन स्टेशन में झाड़ू नहीं करने से गंदगी फैली हुई रहती है। जबकि साफ-सफाई मद में हर महीने 18 हजार रुपये राशि आती है, लेकिन सब बंदरबांट हो जाती है।

जानकारी हो कि हर महीने 25 से 30 लाख रुपये आमदनी देने वाला मंदार हिल स्टेशन में सुविधाओं का घोर अभाव है। पेयजल, रोशनी, साफ-सफाई,वाई फाई सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने के कारण यात्रियों को सुविधा नहीं मिल पाती है। सुरक्षा व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है। स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।

दूर-दूर से आते हैं पर्यटक 

बता दें कि मंदार हिल पर्यटन को लेकर देशभर में विख्यात है। इसे पर्यटन को लेकर डेवलप भी किया गया है। मंदार पर्वत के बारे में कहा जाता है कि समुद्र मंथन वाला पर्वत यही है और त्रिपुरासुर का भी निवास मंदार क्षेत्र में ही था. भगवान शंकर ने अपने बेटे गणेश के कहने पर त्रिपुरासुर को वरदान दिया था. बाद में भगवान शंकर पर त्रिपुरासुर ने आक्रमण कर दिया. त्रिपुरासुर के डर से भगवान शिव कैलाश पर्वत पर चले गए. फिर वहां से बचकर मंदार में रहने लगे, फिर यहाँ आकर पर्वत के नीचे से भगवान शिव को ललकारने लगे, अंत में देवी पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का अंत किया था.


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