सहरसा : प्रवासी श्रमिकों को घर में ही मिलने लगा रोजगार
सहरसा में जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय स्तर पर कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे यहां के प्रवासियों के जीवन में खुशहाली आने लगी है। साथ ही उन्हें अब रोजी-रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
सहरसा [कुंदन कुमार]। कोराना संक्रमण के दौरान दूसरे प्रदेश से घर आए प्रवासियों को जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय स्तर पर कौशल के अनुसार रोजगार मिलने लगा है। जिले में औद्योगिक नव प्रवर्तन योजनान्तर्गत कुशल कारीगरों के संचालित समूह की पहली इकाई प्रारंभ हो चुकी है। अन्य समूहों से जुड़े कुशल श्रमिकों के लिए भी योजना के अनुसार शीघ्र ही औद्योगिक इकाई प्रारंभ करने की तैयारी चल रही है। आनेवाले दिनों में दूसरे प्रदेश में रोजी कमा रहे मजदूरों को घर में ही रोजी कमाने का सुअवसर प्राप्त होगा। इससे इलाके के आर्थिक उन्नयन का भी रास्ता खुल गया है।
तीरी कलस्टर में प्रारंभ हुई पहली इकाई
जिला प्रशासन ने उद्योग विभाग, डीआरसीसी और श्रम विभाग के सौजन्य से विभिन्न प्रखंडों के प्रवासी कुशल मजदूरों का समूह गठित किया। प्रथम चरण में पांच कलस्टर बनाए गए हैं। सिलाई पेशा से जुड़कर विभिन्न प्रांतों में रोजी कमा रहे मजदूरों को दस लाख रुपये की लागत से आधुनिक सिलाई मशीन व अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। न्यू फैशन टेलर्स नामक इस समूह से जुड़कर दर्जनों लोग रोजी कमाने लगे हैं। स्थानीय स्तर पर बेहतरीन रोजी मिलने से इन कुशल श्रमिकों में काफी हर्ष है। मो. मंसूर, महताब आदि कहते हैं कि उन्हें जहां घर पर मनमाफिक रोजगार मिला। वहीं इससे जुड़कर अन्य दर्जनों लोगों की भी अच्छी तरह जीविका चल सकेगी।
छह और कलस्टर में शीघ्र शुरू होगी इकाई
जिला प्रशासन द्वारा पांच प्रखंडों के कुशल श्रमिकों का सात समूह गठित किया है। इसमें औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना से पांच और वुडको द्वारा दो इकाई स्थापित किए जाने की योजना है। इसके तहत अन्य प्रखंडों में भी जोर- शोर से तैयारी चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इन सभी कुशल श्रमिकों को भी काम मिल सकेगा।
औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना से समूहों को इकाई स्थापित करने के लिए राशि दी जा रही है। जल्द ही जिले में अन्य इकाई कार्य करने लगेगी। इससे इलाके के कुशल श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार घर में ही रोजगार मिलेगा। इससे जहां मजदूरों की आमदनी बढ़ेगी, वहीं क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा।
प्रकाश चौधरी, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग, सहरसा।