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स्थानीय राजनीति के कारण बाढ़ सहायता राशि से वंचित है जिले के हजारों पीडि़त

सहरसा में बाढ़ पीडि़त सहायता राशि के लिए तरस गए हैं। स्‍थानीय राजनीति के कारण इन बाढ़ पीडितों को परेशानी हो रही है। यहां तक कि सूची बनाने में पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मी मनमानी करते हैं। जिले के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से घिरा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 09:48 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 09:48 AM (IST)
स्थानीय राजनीति के कारण बाढ़ सहायता राशि से वंचित है जिले के हजारों पीडि़त
बाढ़ के पानी से घिरा सहरसा के महिषी प्रखंड का बघवा गांव।

सहरसा, जेएनएन। जिले का दर्जनों गांव विगत दो महीने से बाढ़ से घिरा हुआ है। पानी का उतार- चढ़ाव अब भी जारी है। इन बाढ़ पीड़ितों के बीच नाव और पॉलिथीन सीट के अलावा अन्य कोई सुविधा तो दूर, हैलोजन टेबलेट तक वितरण नहीं किया गया। और न ही दो महीने में कभी इनलोगों को हेल्थ चेकअप ही किया गया। उपर से छह हजार रूपये के बाढ़ सहायता राशि में भी राजनीति शुरू हो गई। पंचायत प्रतिनिधि अगले वर्ष होनेवाले चुनाव को ध्यान में रखकर बाढ़ पीड़ितों की सूची बना रहे हैं। उनके चहेतों को तो नियम के विरूद्ध भी सूची में नाम शामिल करने की बात आ रही है, जबकि बड़ी संख्या में वास्तविक जरूरतमंदों को इस सूची में शामिल नहीं किया, जिससे बाढ़ प्रभावित चारो प्रखंड के हजारो लोग इस राशि से अभी वंचित हैं।

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अबतक प्रभावित है तीन लाख 36 हजार लोग

जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार जिले के नवहट्टा, महिषी, सलखुआ एवं सिमरीबख्तियारपुर का 22 पंचायत पूर्ण और 11 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित है। हालांकि यह स्थिति 14 जुलाई से ही है, परंतु अगर सरकारी आंकड़ों को ही सही माना जाए, तो 28 जुआई से इन 109 गांवों के तीन लाख 36 हजार 307 लोग और 20 हजार 500 पशु बाढ़ से प्रभावित हैं। इन चार प्रखंडों के अलावा अन्य सभी प्रखंडों को मिलाकर जिले में 47467 हेक्टेयर में लगी  खरीफ की फसल बर्बाद हो गई। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 158 कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हुआ, जबकि 526 झोपड़ी और 27 पशु शेड भी ध्वस्त हो गया है। बावजूद इसके इन पीड़ितों को न तो शुद्ध् पेयजल मिल सका और न ही स्वास्थ्य जांच ही किया जा सका। उपर से बाढ़ सहायता राशि के वितरण में भी राजनीति हो रही है।

अबतक 60848 लोगों को मिली बाढ़ सहायता राशि

अबतक गत वर्ष की सूची के अनुसार ही सहायता राशि का वितरण किया गया, न तो गत वर्ष छूटे लोगों को इस सूची में शामिल किया गया और न ही नए राशनकार्डधारियों को ही। ऐसे में हजारों लोग बाढ़ सहायता राशि से वंचित हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार नवहट्टा प्रखंड के 16472, महिषी के 26799, सलखुआ के 9894 और सिमरीबख्तियारपुर के 7683 लोगों के खाते में छह हजार की दर से सहायता राशि भेजी गई है, जबकि हजारों लोग इस सुविधा से वंचित हैं।

क्या कहते हैं बाढ़ पीड़ित

महिषी प्रखंड के तेलावा पूर्वी निवासी लीला देवी सुनीता देवी, कला देवी, सुशील सादा का कहना है कि उनलोगों को स्थानीय राजनीति के कारण सूची में शामिल नहीं किया गया। मनौवर अरविंद राय, फूलो राय का कहना है कि उनलोगों का नया राशन कार्ड बना है, इस नाम पर सूची से वंचित रखा गया है। जब राशन कार्ड ही सहायता राशि का मानक है, तो हमलोगों को वंचित क्यों किया गया। सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के कठडुमर पंचायत के पूर्व मुखिया गोपाल विंद, गोपाल चौधरी, कबीरा की गुंजन देवी आदि का कहना है कि स्थानीय राजनीति के कारण बहुत से लोगों का नाम बाढ़ सहायता राशि की सूची में शामिल नहीं किया गया है।

बाढ़ सहायता राशि के लिए पंचायत व अंचल स्तर से लगातार सूची आ रही है। सभी वास्तविक लाभुकों के बीच राशि वितरण का डीएम स्तर से निर्देश भी दिया गया है। प्राप्त सूची के आलोक में लगातार राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उम्मीद है कि सभी जरूरतमंदों के खाते में यह राशि जल्द ही भेज दी जाएगी। - राजेंद्र दास,  आपदा प्रबंधन, पदाधिकारी, सहरसा।


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