सहरसा : नए साल में 29 क्षेत्रों में मिलेगा रोजगार, इस तरह जिला प्रशासन तैयार कर रहा रोडमैप
सहरसा में नए साल में लोगों को रोजगार देने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। दरअसल इस इलाके में रोजगार का अकाल है। जिस कारण कुशल व अकुशल श्रेणी के मजदूर यहां से दूसरे राज्य पलायन करते हैं। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
सहरसा [अमरेंद्र कांत]। वर्ष 2020 में कोरोना की मार सबसे अधिक गरीबों पर पड़ी। उनके हाथों से रोजगार छिन गया। गांव में भी काम नहीं मिला। सरकार के भरोसे किसी तरह पेट चलता रहा। लेकिन वर्ष 2021 इनके जीवन को संवार सकता है। सरकार ने गरीबी समाप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 29 तरह के विकास की रणनीति बनाने का निर्देश दिया है। ताकि हर हाथ को काम मिल सके।
पलायन बनीं है मजबूरी
इस इलाके में रोजगार का अकाल है। जिस कारण कुशल व अकुशल श्रेणी के मजदूर यहां से दूसरे राज्य पलायन करते हैं। वहां की कमाई से इनके परिवार की रोजी-रोटी चलती है। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना ने इनका रोजगार छिन लिया। वो किसी तरह अपने घर तो लौट आए परंतु यहां भी पेट की ङ्क्षचता सताती रही। जिस कारण फिर से परदेश निकल गये। वैसे इस साल सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोडऩे की पहल की। कई लोगों ने रोजगार भी शुरू किया और लघु उद्योग से कुशल व अकुशल मजदूर जुड़ गये।
प्रवासी को मिलने लगा रोजगार
वर्ष 2020 में परदेश से लौटे करीब तीन हजार मजदूरों में तो कुछ फिर से वापस लौट गये। लेकिन जो यहां रहकर काम की तलाश कर रहे हैं उन्हें जिला प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण भी दिलाया गया। कई को उद्योग विभाग से जोड़कर ऋण की व्यवस्था की गई और ऐसे लोगों का एक समूह बनाकर रोजगार की शुरूआत कराई गई।
हर गरीबों को मिलने लगा छत
गरीबी में जी रहे लोग एक अदद छत का सपना संजोते हैं। ऐसे लोगों को सरकार की ओर से छत मुहैया कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 29 हजार 741 एवं वर्ष 2019-20 में 46 हजार 506 लोगों को आवास मुहैया कराया गया। जबकि शहरी क्षेत्र में भी करीब छह हजार लोगों को आवास दिया गया।
क्या है उम्मीद
29 क्षेत्रों के विकास की रणनीति बनायी जाएगी। इसमें पशुपालन, मत्स्यपालन, कृषि, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, पेजयल आदि शामिल हैं।
- 50 हजार से अधिक लोगों को आवास मुहैया कराया जाएगा।
- सबकी योजना, सबका विकास अभियान के तहत गरीबों को रोजगार मुहैया होगा।
- कृषि के आधुनिकीकरण पर जोर देकर छोटे किसानों को आगे लाने की कोशिश की जाएगी।
- गांव में ही शहर जैसी सुविधा मिलेगी और पलायन रोकने को रोजगार दिया जाएगा।