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Saharsa: किसानों के काम नहीं आ रही सहकारी समितियां, 16 हजार एमटी की जगह महज 7176 एमटी गेहूं की खरीद

सहरसा में गेहूं खरीदा का लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है। जले में विभागीय उदासीनता और सहकारी समितियों की मनमानी के कारण 16500 एमटी लक्ष्य के विरुद्ध अबतक महज 7176 एमटी की खरीद हो सकी। यानि आधी उपलब्धि भी नहीं मिली। इससे किसान परेशान हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:10 AM (IST)
Saharsa: किसानों के काम नहीं आ रही सहकारी समितियां, 16 हजार एमटी की जगह महज 7176 एमटी गेहूं की खरीद
सहरसा में गेहूं खरीदा का लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है।

संस, सहरसा। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने 15 जून गेहूं खरीद की अंतिम तिथि घोषित कर दिया है। वहीं जिले में विभागीय उदासीनता और सहकारी समितियों की मनमानी के कारण 16500 एमटी लक्ष्य के विरुद्ध अबतक महज 7176 एमटी की खरीद हो सकी। यानि आधी उपलब्धि भी नहीं मिली। स्थिति स्पष्ट है कि जिले के अधिकांश किसान लाभकारी मूल्य से वंचित रह गए। मनमानी की हद तो यह है कि खरीद के लिए महज चार दिन शेष है ,परंतु जिले की 12 चयनित समितियों ने कार्य भी प्रारंभ नहीं किया। अन्य समितियों की खरीद की रफ्तार अभी भी काफी सुस्त है। ऐसे में जरूरत के मारे लगभग किसान कम कीमत पर बिचौलियों के हाथों गेहूं बेच चुके हैं। देर होने के कारण लघु- सीमांत किसानों के पास गेहूं नहीं के बराबर बचा है।

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दैनिक लक्ष्य के काफी पीछे है उपलब्धि

गेहूं खरीद का महत्वपूर्ण दो महीना समय बीत गया, परंतु अबतक 16800 मामूली लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 7176.83 एमटी की ही खरीद हो सकी है। जिले में 744.38 एमटी खरीद दैनिक लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 248.84 एमटी उपलब्धि है। ऐसे में जिले के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित हो रहे हैं। खरीद की निर्धारित अवधि अब महज चार दिन शेष रह गया है, परंतु अबतक चयनित समितियों में बनमा इटहरी के एक, महिषी के तीन, नवहट्टा के तीन, पतरघट के एक, सलखुआ के एक, सौरबाजार के चार, सिमरीबख्तियारपुर के एक तथा सोनवर्षा के दो समितियों ने कार्य भी प्रारंभ नहीं किया है।

क्या कहते हैं किसान

मोहनपुर के किसान श्याम यादव का कहना है कि उनलोगों का गेहूं न तो पैक्स खरीद रहा है और न ही व्यापार मंडल ऐसे में वे लोग बाजार में व्यापारी द्वारा निर्धारित कीमत पर गेहूं बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। साहपुर के रामोतार मंडल कहते हैं कि अगर पैक्स गेहूं खरीदेगा ही नहीं तो किसान कितना इंतजार करेगा। धनौज के महेंद्र सुतिहार का कहना है कि सरकार सिर्फ नीतियां बनाती है, इसका अनुपालन नहीं हो पाता। पैक्सों की मनमानी के कारण हमलोग बिचौलिया के हाथ गेहूं बेचने के लिए मजबूर होते हैं।

किसानों का गेहूं अभी भी खरीद जारी है। जिन समितियों द्वारा किसानों से गेहूं नहीं खरीदे जाने की शिकायत मिलेगी, उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। क्रय केंद्र चालू नहीं करनेवाली समितियों के खिलाफ भी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। -सैयद मशरूख आलम, डीसीओ, सहरसा।


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