Move to Jagran APP

अफवाह पर नहीं दें ध्यान, बच्चों को जरूर लगवाएं रूबेला का टीका

रूबेला को खसरा भी कहते हैं। जो की एक इन्सान से दूसरे को फैलता है। रूबेला मुख्य रूप से संक्रमण से फैलने वाला वायरस है जो की आज के समय में तेजी से फैला रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:48 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 02:53 PM (IST)
अफवाह पर नहीं दें ध्यान, बच्चों को जरूर लगवाएं रूबेला का टीका
अफवाह पर नहीं दें ध्यान, बच्चों को जरूर लगवाएं रूबेला का टीका

भागलपुर [जेएनएन]। रहमते आलम किंडर गार्डन स्कूल में मिजिल्स रूबेला टीकाकरण का शुभारंभ करते हुए मंगलवार को जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि बच्चों के अभिभावक अफवाह पर ध्यान नहीं दें। नौ माह से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को रूबेला का टीका लगवाएं। डीएम ने कहा कि यह अभियान दो माह तक चलेगा। इस अवधि में जिला पूर्णरूपेण इस बीमारी से दूर हो जाएगी। इस टीके की कीमत एक हजार के पास है। पर, सरकार की ओर से मुफ्त में दिए जा रहे हैं। इसके तहत खसरा रोग के सफाया और रूबेला को नियंत्रित करने के लिए नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगवाना आवश्यक है।

loksabha election banner

टीकाकरण के लिए जिले में 10 लाख 88 हजार 773 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान के सफलता के लिए 44 टीम, 8129 वैक्सीनेटर, 2222 सुपरवाइजर, टीकाकरण सत्रों की संख्या 6932 बनाया गया है। खसरा और रूबेला अभियान का प्रथम चरण निजी, सरकारी स्कूल, आंगनाबड़ी केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर चलाया जाएगा। डीएम ने कहा कि इस अभियान में लगी सभी टीमें टीकाकरण को पूरी ईमानदारी और सतर्कता के साथ करें। इस मौके पर प्रशिक्षु आइएएस तरणजोत सिंह, सिविल सर्जन डॉ. एके ओझा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी मनोज चौधरी, डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, बीएनएमयू के प्रोवीसी फारुक अली, डब्ल्यूएचओ के डॉ. राजीव कुमार सहित कई स्वास्थ्य कर्मी थे।

क्या है रूबेला बीमारी

रूबेला को खसरा भी कहते हैं। यह एक वायरस से फैलने वाला बीमारी है। जो की एक इन्सान से दूसरे को फैलता है। जब कोई संक्रमित सम्पर्क में आता है या आपके पास आकर छीकता है तो आपको ये वायरस लग जाता है। रूबेला मुख्य रूप से संक्रमण से फैलने वाला वायरस है जो की आज के समय में तेजी से फैला रहा है।

इस बीमारी के लक्षण

-सौ डिग्री या अधिक का बुखार आना

-शरीर में लाल दाने या चकते होना।

-ग्रंथियों में सूजन आना या दर्द होना।

-शरीर में बहुत अधिक दर्द।

-सर दर्द की समस्या लगातार बनी रहना।

-बच्चों के आंखों में सूजन।

-भूख ना लगना।

-थकान और चक्कर आना।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.