स्वतंत्रता सेनानी हजारी साह का निधन, जब RSS पर प्रतिबंध लगा तो गए थे जेल Bhagalpur News
भागलपुर के आरएसएस कार्यकर्ता हजारी साह का निधन हो गया। वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे। आपातकाल और संघ पर प्रतिबंन लगने के समय वे जेल भी गए थे। उनके निधन पर संघ परिवार में शोक है।
भागलपुर, जेएनएन। नाथगगर क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य को गति देने वाले 90 वर्षीय कार्यकर्ता हजारी साह का शुक्रवार की रात निधन हो गया। वह लकड़ी और कोयला के व्यापारी थे। हजारी साह नाथनगर मनसकामना नाथ चौक निवासी थे।
हजारी साह बचपन में ही आरएसएस से जुड़ गए थे। आरएसएस के कार्य में उनकी इतनी निष्ठा थी कि वे जब तक स्वस्थ्य रहे, संघ की शाखा जाते रहे। उन्होंने सबसे लंबे समय तक एक शाखा का संचालन करते हुए मुख्यशिक्षक का दायित्व निभाया। वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे। इंदिरा गांधी ने जब देश में आपातकाल लगाया था, उसमें वे जेल भी गए थे। वे रामजन्मभूमि आंदोलन से भी जुड़े रहे। उन्होंने कई बार अयोध्या आंदोलन में भाग लिया। भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बने, इसके लिए उन्होंने अंत तक संघर्ष करते रहे। जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने के पक्ष में निर्णय दिया, उस दिन वे काफी खुश थे। बाबरी मिस्जद विध्वंस के बाद जो आरएसएस पर प्रतिबंध लगा, उसमें भी हजारी साह को जेल जाना पड़ा था।
उनको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर 'गुरुजी' का भी सानिध्य प्राप्त हुआ था। वे अक्सर सरसंघचालक के कार्यक्रम में भाग लेने जाते थे। उनके बौद्धिक को सुनते थे। उन्हें संघ के अन्य सरसंचालक बाला साहेब देवरस, प्रो. राजेंद्र प्रसाद सिंह 'रज्जू भैया', केएस सुदर्शन और मोहन राव भागवत का हमेशा मार्गदर्शन मिला। उनके निधन पर आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। पूर्व प्रांत सह संघचालक डॉ लक्ष्मीकांत सहाय, शिव कुमार बाजोरिया, दक्षिण बिहार प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, बालमुकुंद गुप्त, जिलासंघचालक प्रो डॉ राणा प्रताप सिंह, नगर संघचालक डॉ चंद्रशेखर साह, विभाग प्रचारक विजेंद्र जी, हरविंद नारायण भारती, निर्भय चौधरी, अजीत कुमार, श्रीधर मिश्र, मनोहर, अजीत घोष, रजनीकांत सरखेल, भागवत जी, राम निवास छापोलिका, रमाकांत श्रीवास्तव, नरेंद्र जी, रामजी सिन्हा, राकेश सिन्हा, भारतीय जनता पार्टी के भागलपुर जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय, उपाध्यक्ष दिलीप निराला, संतोष कुमार, प्यारे हिंद, योगी राजीव मिश्रा, सरोज वर्मा आदि ने शोक जताया है। संयुक्त परिवार में रहने वाले हजारी साह को सात पुत्रियां और दो पुत्र हैं। रविवार को प्रात: उनके निवास स्थान से शवयात्रा निकाली जाएगी। उनका अंतिम संस्कार बरारी श्मशान घाट में होगा। हजारी साह को उनके पुत्र सूरज साह मुखाग्नि देंगे।
पुरण जी के साथ मिलकर किए गए थे काम
पूर्व सह प्रांत संघचालक डॉ लक्ष्मीकांत सहाय ने कहा कि भागलपुर में एक समय पुरणमल बाजोरिया आरएसएस के आदर्श के रूप में थे। संघ कार्य को व्यापक बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा था। पुरण जी ने संघ कई छोटे से बड़े दायित्वों को निभाया था। डॉ सहाय ने कहा उन्होंने भी पुरण जी बहुत कुछ सीखा है। वे जब विभाग संघचालक थे तो डॉ सहाय जिला संघचालक थे। डॉ लक्ष्मीकांत सहाय ने कहा कि हजारी साह पुरण जी के साथ काम करने वाले एक आदर्श कार्यकर्ता थे। हजारी जी का व्यक्तित्व संघ के स्वयंसेवकों के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उनके निधन पर उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि। शत-शत नमन।