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राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण होगा संघ प्रमुख का 'बौद्धिक'

भागलपुर में दो दिनों की RSS चीफ की यात्रा में महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि इसे संघ प्रमुख का रूटीन कार्यक्रम माना जा रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 06:50 AM (IST)
राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण होगा संघ प्रमुख का 'बौद्धिक'
राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण होगा संघ प्रमुख का 'बौद्धिक'

भागलपुर (राम प्रकाश गुप्ता)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक (संघ प्रमुख) डॉ.मोहन भागवत 19 नवंबर सोमवार को भागलपुर में बांका और भागलपुर जिले के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। संघ की भाषा में इसे 'बौद्धिक' कहा गया है। वहीं 20 को संघ प्रमुख बिहार और झारखंड प्रांत के क्षेत्र कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करेंगे।

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भागलपुर में दो दिनों की यात्रा में दो महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संघ के स्थानीय पदाधिकारियों का मानना है कि संघ प्रमुख का यह रूटीन कार्यक्रम है। संघ अपने संगठन कार्य को गति देने, कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने और उनमें नए जोश भरने के लिए साल भर कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसके तहत सभी क्षेत्रों में संघ के कार्यकर्ता पहुंचते हैं। भागलपुर के कार्यक्रम में संघ ने दो जिलों से छह सौ निष्ठावान कार्यकर्ताओं को बुलाया है।

ये निष्ठावान कार्यकर्ता अगर वर्तमान में भाजपा में सक्रिय हैं और संघ में आस्था रखते हैं तो उन्हें बैठक में रहने की छूट मिलेगी। ये निष्ठावान कार्यकर्ता समाज की नजर में हार्डकोर स्वयंसेवक हैं जो संघ प्रमुख के विचारों को सुदूर गांवों तक पहुंचाएंगे। देश में लोकसभा चुनाव का माहौल बन रहा है। छह महीने के अंदर लोकसभा का चुनाव होना है। मुख्यालय ने संघ प्रमुख का कार्यक्रम जहां तय किया है और जिन दो जिलों से निष्ठावान कार्यकर्ता बुलाए गए हैं वहां संघ को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई है। पूर्व का इतिहास रहा है कि जहां-जहां संघ प्रमुख का कार्यक्रम होता है वहां संगठन को मजबूती मिली है और स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह का संचार हुआ है।

विचार की दृष्टि से संघ के नजदीक भाजपा को माना जाता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 'मोदी लहर' के बावजूद भागलपुर और बांका में कमल नहीं खिला था। भाजपा ने 2019 की अपनी रणनीति में जीत की सीटों में भागलपुर और बांका को शामिल किया है। आने वाले चुनाव में भाजपा को इसका फायदा तभी मिलेगा जब मातृ संगठन (आरएसएस) का जनाधार मजबूत होगा। संघ तब मजबूत होगा जब उसके निष्ठावान कार्यकर्ता सक्रिय होंगे।

उनकी सक्रियता को बढ़ाने और उसमें ऊर्जा भरने के लिए संघ प्रमुख का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानते हैं कि संघ प्रमुख का मार्गदर्शन संदेश का फायदा न केवल भागलपुर प्रमंडल बल्कि कोसी, पूर्णिया और संथाल परगना के कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा। भागलपुर के दो दिवसीय जुटान में बिहार और झारखंड के वैसे सभी शीर्ष पदाधिकारी भाग लेंगे जो संघ की दृष्टि से प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल हैं। संघ के दक्षिण बिहार प्रांत के प्रचारक राणा प्रताप कहते हैं कि संघ प्रमुख का भागलपुर सहित दक्षिण बिहार के पुराने कार्यकर्ताओं से परिचय रहा है। वे क्षेत्र प्रचारक रह चुके हैं। भागलपुर और बांका के कई पुराने स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं को वे नजदीक से जानते और पहचानते हैं। दो दिवसीय दौरे में संघ प्रमुख वैसे पुराने कार्यकर्ताओं से भी अनौपचारिक मुलाकात करेंगे।


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