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अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भागवत ने क्या कही बड़ी बात, जानिए

भागलपुर में आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कार्य संतों का है। संतों को जिस प्रकार आवश्यकता पड़ेगी संघ उनका सहयोग करेगा। उन्होंने कहा आयोध्या में मंदिर बनेगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 07:41 PM (IST)
अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भागवत ने क्या कही बड़ी बात, जानिए
अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भागवत ने क्या कही बड़ी बात, जानिए

भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्ला]। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा। इसमें संघ भी संतों का साथ देगा। भागवत भागलपुर के आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को परिवार सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन में लगभग शहर के तीन दर्जन परिवारों को आमंत्रित किया गया था। सम्मेलन में वे लोग आए थे, जो भागवत को व्यक्तिगत रूप से जानते थे।
10 बजे से दो घंटे तक आयोजित इस कार्यक्रम में भागवत ने प्रत्येक व्यक्ति का हाल-चाल जाना। उनके जिज्ञाषाओं का समाधान किया। परिवार कैसा हो, परिवार के बीच किस प्रकार सामंजस्य बनाएं, परिवार की समाज में क्या भूमिका होनी चाहिए, देशभक्ति का भाव कैसे उत्पन्न हो, प्रकृतिप्रदत्त संसाधन का रखरखाव और इसका बचाव कैसे करें, परिवार को संस्कारयुक्त और भारतीय संस्कृति के अनुरूप कैसे बनाएं इन सारे विषयों पर उन्होंने आपस में विचार साझा किया। यह कार्यक्रम उन परिवार वालों के लिए आयोजित किया गया था, जो भागवत के क्षेत्र प्रचारक के रूप में कार्य करने के दौरान सक्रिय थे।
पारिवारिक रही चर्चा
श्री भागवत ने ज्यादातर चर्चा पारिवारिक ही की। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ि को शाखा आने के लिए प्रेरित करें। अपने बच्चों को शाखा भेजें। शाखा है तो संघ है। राष्ट्र को परम वैभव को पहुचाने का उद्देश्य तभी सफल होगा जब हम देशभक्त होंगे। संघ देशभक्ति भाव जागृत करता है। बच्चों को सिर्फ रोजगारोन्मुखी शिक्षा ही नहीं दी जानी चाहिए, बच्चों को नैतृक, चारित्रिक और देशभक्ति की भी शिक्षा देने की जरुरत है। परिवार भी एक पाठशाला है, इसलिए परिवार के बीच आपस में सामंजस्य रहना चाहिए। एक-दूसरे की मदद करना, समाज के लिए योगदान करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।

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रात में एक साथ भोजन करें परिवार के लोग
सरसंघचालक ने कहा कि परिवार के लोग एक साथ कम से कम रात में भोजन करें। साथ बैठकर चर्चा करें। चर्चा सकारात्मक हो। बच्चों को नैतिक शिक्षा दें। अपना संस्कार और अपना आदर्श ऐसा हो जिसमें वसुधैव कुटुम्बकम का भाव पैदा हो। देश के लिए हम सब अपनी भूमिका तय करें।
हिन्दुत्व एक जीवन पद्धति है
मोहन राव भागवत ने कहा कि हिन्दुत्व एक जीवन पद्धति है। ये सिर्फ कर्मकांड और पूजन पद्धति तय सीमित नहीं है। यही राष्ट्रीयत्व है। संघ इसी भाव के तहत कार्य करता है।
छात्र ने पूछा चित्त शुद्धि के उपाय
परिवार मिलन समारोह में नवम के छात्र पार्थ ने चित्त शुद्धि के उपाय पूछा। भागवत को छात्र का प्रश्न चकित किया। भागवत ने कहा कि जीवन साधारण किन्तु चित्त शुद्ध जिसके अंतर्गत महापुरूषों की कहानी, प्रेरक प्रसंग, ध्यान, भजन से चित्त शुद्ध रहता है। इससे मन में दुर्विचार नहीं आता।
राम मंदिर का होगा निर्माण
कार्यक्रम में आए लोगों ने जब राम मंदिर से संबंधित प्रश्न पूछे तो श्री भागवत ने कहा कि संतों ने यह तय किया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा। संघ भी संतों का इसमें साथ देगी। मंदिर निर्माण का कार्य संतों का है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राम मंदिर का निर्माण होगा। संतों के नेतृत्व में मंदिर निर्माण किया जाएगा। साधु-संत समाज को जिस प्रकार की आवश्यकता होगी संघ उसमें मदद करेगा। मंदिर निर्माण में हिन्दू समाज को भी आगे आने की आवश्यकता है।
तीन दर्जन परिवार हुए शामिल
इस अवसर पर विष्णु शर्मा, सुनील सिंह, योगी राजीव मिश्रा, कामेश्वर यादव, अजीत कुमार, उत्तम कुमार, बाल मुकुन्द गुप्ता, हरविन्द नारायण भारती, डॉ. लक्ष्मीकांत सहाय, पद्म जैन, हंसराज बैताल, बनवारी लाल, योगी धीरज वशिष्ठ, श्रीधर मिश्र, राजकिशोर सिंह, गौतम हरि, ब्रजभूषण तिवारी, राकेश सिन्हा आदि अपने परिवार के साथ मौजूद थे। इस सम्मेलन में जितने लोग अपेक्षित थे सभी के सभी समय से पहले पहुंचकर सरसंघचालक का इंतजार कर रहे थे। सरसंघचालक निर्धारित समय पर वहां पहुंचे।


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