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रोहिणी नक्षत्र: धान की खेती के लिए उपयुक्‍त है मौसम, किसानों ने खेतों में डाले धान के बीज

धान की खेती के लिए रोहिणी नक्षत्र का विशेष महत्व माना जाता है। 25 मई को रोहणी नक्षत्र के आगमन होते ही किसान खरीफ फसल बोने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि हाल के दिनों में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में नमी की कमी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 12:55 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 12:55 PM (IST)
रोहिणी नक्षत्र: धान की खेती के लिए उपयुक्‍त है मौसम, किसानों ने खेतों में डाले धान के बीज
15 दिनों का यह समय धान फसल लगाने के लिए होता है काफी महत्वपूर्ण।

जागरण संवाददाता, सुपौल। खेती-किसानी में नक्षत्र का विशेष महत्व माना जाता है। 25 मई को रोहणी नक्षत्र के आगमन होते ही किसान खरीफ फसल बोने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि हाल के दिनों में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में नमी की कमी है। बावजूद किसान बिचड़ा बोने के लिए खेतों की जुताई में जुट चुके हैं। इधर विभाग ने भी खरीफ फसल को बेहतर बनाने के लिए कमर कस लिया है।

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किसान बताते हैं कि किसानी कार्यों के लिए रोहिणी नक्षत्र किसी उत्सव से कम नहीं होता है। 15 दिनों का यह समय धान फसल लगाने के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इधर मंगलवार से रोहिणी नक्षत्र शुरू होने के साथ ही किसान खेती-बाड़ी के काम में जुट गए हैं। किसानों द्वारा भूमि पूजन कर खेती-बाड़ी का काम शुरू कर दिया गया है। पहले खेत की जुताई कर उनसे खर-पतवार को चुना जाएगा। फिर धान का बिचड़ा उसमें डाला जाएगा। हालांकि खेतों में नमी की कमी है। यदि बारिश नहीं हुई तो पहले सिंचाई कर खर-पतवार नाशक दवा का छिड़काव कर खेत को तैयार कर बिचड़ा बोया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि धान का बिचड़ा डालने के लिए रोहिणी नक्षत्र सबसे शुभ होता है। इस नक्षत्र में बोए जाने वाले बिचड़ा से धान का पौधा अधिक तेजी से विकास करता है तथा इसमें रोग लगने की संभावना भी कम होती है। रोहिणी नक्षत्र में धान के लगाए गए बिचड़ा से उत्पादन भी अधिक होता है।

तैयारी में जुटा विभाग

भले ही वैश्विक महामारी कोरोना का खौफ आमलोगों के जनजीवन को प्रभावित किया है। परंतु जिले में खेती-बाड़ी अपने नियत समय से चल रहा है। इधर विभाग भी खरीफ को बेहतर बनाने के लिए तैयारी को अंतिम रूप देने में लगा है। जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार ने बताया कि इस बार 86000 हेक्टेयर खेतों में धान लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। प्राप्त लक्ष्य को प्रखंडवार बांट दिया गया है। इसके अलावा सभी किसान सलाहकार व समन्वयकों को यह निर्देश दिया गया है कि किसानों से संपर्क कर उन्हें नए-नए तकनीकों के बारे में बताएं। ताकि उत्पादन को बेहतर बनाया जा सके इसके लिए। जिले के अधिकृत खाद-बीज विक्रेताओं से बिहार राज्य बीज निगम में राशि जमा कर दी गई है। जल्द ही उन्हें बीज उपलब्ध हो जाएगी। तत्पश्चात बीजों के लिए ऑनलाइन किए गए किसानों के बीच वितरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सरकार द्वारा अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराए जाने वाले धान बीज का भी लक्ष्य प्राप्त हो गया है। निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप किसानों को अनुदानित दर पर उच्च कोटि का बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।


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