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RJD एससी-एसटी सेल के जिलाध्यक्ष ने लगाई जान बचाने की गुहार, कहा- बचा लीजिए, ये थानाध्यक्ष मुझे मार डालेगा

Bihar Politics- बिहार के खगड़िया जिले में आरजेडी के एससी-एसटी सेल के जिलाध्यक्ष किशोर दास ने बड़ा आरोप लगाते हुए एक थानाध्यक्ष से खुद की जान का खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि पहले तो मेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब ये थानाध्यक्ष मेरी...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 09:51 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 09:51 AM (IST)
RJD एससी-एसटी सेल के जिलाध्यक्ष ने लगाई जान बचाने की गुहार, कहा- बचा लीजिए, ये थानाध्यक्ष मुझे मार डालेगा
आरजेडी एससी-एसटी सेल के जिलाध्यक्ष किशोर दास। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, खगड़िया: राजद खगड़िया के एससी-एसटी सेल के जिलाध्यक्ष किशोर दास ने पुलिस के वरीय अधिकारियों को अर्जी देकर मोरकाही थानाध्यक्ष राजीव कुमार से अपने जान को खतरा बताया है। आरोप लगाया गया है कि थानाध्यक्ष ने बदले की भावना से मानसिक रूप से बीमार उसके भाई राजेश कुमार को जेल भेज दिया। कहा गया है कि छठ के समय रास्ता साफ करने को लेकर दबंग से मारपीट हुई। दोनों तरफ से केस हुआ। सदर अस्पताल के डाक्टर ने दोनों पक्ष के जख्मी का प्रतिवेदन सिम्पल दिया और थानाध्यक्ष ने जांचकर्ता पर दबाव देकर बेगूसराय के प्राइवेट डाक्टर का फर्जी रिपोर्ट डायरी में अंकित कर वरीय अधिकारी को धोखा दिया।

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उन्होंने आगे कहा कि उनके भाई को जेल इसलिए भेज दिया कि थानाध्यक्ष दबंग से मोटी रकम लेकर बछौता के सरकारी जमीन को घेरवा रहे थे। उसका भाई ने विरोध किया था। उसी दिन उसके भाई को गिरफ्तार किया गया। कहा है कि प्रावधान है कि कोई जख्मी बाहर इलाज करवाता है, तो वहां के डाक्टर की रिपोर्ट उस सरकारी डाक्टर को देगा जो जख्मी की आरंभिक उपचार किया हो। लेकिन थानाध्यक्ष ने सरकारी डाक्टर की रिपोर्ट को खारिज कर मनमानी करते हुए बेगूसराय के प्राइवेट डाक्टर की रिपोर्ट को डायरी में अंकित करवाया और जेल भेज दिया।

जिलाध्यक्ष किशोर दास का आरोप है कि बाद में थानाध्यक्ष एक चौकीदार को उनके पास भेजा और 20 हजार की मांग करते हुए कहा कि तब छापेमारी नहीं होगी। चौकीदार द्वारा लिए गए रुपये का वीडियोग्राफी भी सुरक्षित है। जिलाध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष राजीव कुमार पर कोर्ट में फाइल छेड़छाड़ मामले में विशेष न्यायालय उत्पाद के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। बावजूद वे थानाध्यक्ष कैसे बने हुए हैं। जिलाध्यक्ष ने अपने और अपने परिवार के ऊपर थानाध्यक्ष से जान का खतरा बताते हुए कहा कि अविलंब वरीय अधिकारी इसकी गहन जांच करें और थानाध्यक्ष द्वारा भ्रष्ट तरीके से अपने सगे संबंधियों के नाम से चार साल के दौरान अर्जित संपत्ति की जांच कराएं।

उन्होंने विधानमंडल के विरोधी दल के नेता समेत अन्य वरीय अधिकारियों को अर्जी देकर कार्रवाई की मांग की है। इधर, मोरकाही थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि उनपर लगे आरोप निराधार है। हां, वरीय अधिकारी के आदेश पर मुख्यालय डीएसपी से पीआर के लिए वे रात में ही गए। मगर अब तक पीआर नहीं मिल पाया है। पीआर मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।


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