रिटायर्ड सूबेदार सूर्य नारायण यादव हत्याकांड : वर्षो से फरार कुख्यात रविंद्र यादव गिरफ्तार, इस प्रकार पुलिस की पकड़ में आया अपराधी
भागलपुर पुलिस को कुख्यात अपराधी रविंद्र यादव को पकड़ने में सफलता मिली। खुटाहा गांव में तगड़ी खेराबंदी बाद एसटीएफ की मदद से पुलिस ने उसे दबोचा। वह 2001 से 2011 तक दस सालों तक खुटहा पंचायत का मुखिया रहा। उसपर कई अरोप हैं।
भागलपुर, जेएनएन। रिटायर्ड सूबेदार सूर्य नारायण यादव हत्याकांड में न्यायालय से 18 सितंबर 2009 से फरार कुख्यात रविंद्र यादव गिरफ्तार कर लिया गया। रविंद्र को सोमवार को एसटीएफ की तगड़ी घेराबंदी बाद गिरफ्तार करने में सफलता मिली। एसएसपी आशीष भारती ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस बल के जवानों को मजदूरों के वेश में खुटहा बहियार में रविवार से लगा रखा था। सोमवार को रविंद्र पुलिस के सधे जवानों को दिख गया। फिर चारों तरफ से मोर्चा लिए हथियारबंद जवानों ने रविंद्र को दौड़ा कर पकड़ लिया। रविंद्र को फिर स्कॉर्पियो से लेकर खुटहा गांव से तेजी से जवान लेकर निकलने लगे। लेकिन गांव में उसके समर्थकों ने स्कॉर्पियो को रोक लिया। मुठभेड़ की नौबत आती उससे पूर्व जवानों की मदद के लिए काफी संख्या में पुलिस बल एसएसपी ने भेज दिया। फिर उसे सुरक्षित गांव से निकाल कर जिला पुलिस मुख्यालय लाया गया। पुलिस उससे पूछताछ कर अत्याधुनिक हथियार बरामदगी के लिए छापेमारी कर रही है। रविंद्र का दूसरे राज्यों के अलावा भागलपुर के विक्रमशिला कॉलोनी, सूर्यलोक कॉलोनी आदि जगहों पर भी ठिकाना रहा है। पुलिस उसके सहयोगियों को तलाश रही है।
2001 से 2011 तक दस वर्षों से खुटहा पंचायत का रहा था मुखिया
रविंद्र अपने आतंक के बूते खुटहा ग्राम पंचायत का दस सालों तक मुखिया रहा। उसने 2001 में मुखिया का चुनाव लड़ा। जीत दर्ज कराई फिर दस सालों तक 2011 तक मुखिया रहा। फिर अपने प्रभाव के बूते छोटे भाई वीरेंद्र यादव को भी मुखिया बनवा दिया।
सूर्य नारायण हत्याकांड में स्टेटमेंट रिकार्ड से पहले हुआ था फरार
18 सितंबर 2009 को जब फास्ट ट्रैक कोर्ट देवेंद्र प्रसाद केसरी की अदालत में रिटायर्ड सूबेदार सूर्य नारायण के केस में आरोपितों का स्टेटमेंट रिकार्ड होना था। तभी गणेशी यादव और रविंद्र यादव कोर्ट में आरोपित के रूप में उपस्थित हुआ था। रविंद्र को केस में फंसने और सजा होने का भय सता रहा था। गणेशी यादव ने तो केस का सामना किया लेकिन रविंद्र अदालत से स्टेटमेंट रिकार्ड कराए भाग निकला। वह 18 सितंबर 2009 से फरार चल रहा था। कितनी बार खुटहा गांव में दबिश हुई लेकिन वह हर बार बच निकलता था।
आठ दिसंबर 1995 में हुई थी सूर्य नारायण यादव की हत्या
कोइली-खुटहा गांव निवासी रिटायर्ड सूबेदार सूर्य नारायण यादव की हत्या लोदीपुर बहियार के लोहा पुल के समीप कर दी गई थी। उस हत्या में रविंद्र भी नामजद हुआ था। हत्या को तब अंजाम दिया गया था जब सूर्य नारायण खेत की जोत कराकर घर लौट रहे थे। लोहापुल के निकट उन्हें नजदीक से तीन गोलियां मारी गई थी। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
रविंद्र के खिलाफ दुर्योधन यादव हत्याकांड, रिटायर्ड फौजी और सगे चाचा गणेशी यादव हत्याकांड समेत कई कांड दर्ज हैं। सोमवार को हुई गिरफ्तारी पूर्व वह वर्ष 2002 में तातारपुर थाना क्षेत्र के एक लॉज से गिरफ्तार हुआ था। तब उसे तत्कालीन एसपी राकेश कुमार मिश्रा की तरफ से गठित एसटीएफ के राजकिशोर सिंह ने नाटकीय ढंग से दबोचा था।