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ट्रिपल आइटी में B.tech Student के लिए बड़ी खुशखबरी, 10 फीसद सीट रिजर्व

ट्रिपल आइटी में बीटेक छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग की सीटें पिछले सत्र की अपेक्षा दोगुनी कर दी गई हैं। कुल सीटों की संख्या के अलावा आरक्षित होगी सीट। कंप्यूटर साइंस इंजीनियर‍िंग विभाग में सीटों को किया गया दोगुना।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 11:17 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 11:17 AM (IST)
ट्रिपल आइटी में B.tech Student के लिए बड़ी खुशखबरी, 10 फीसद सीट रिजर्व
ट्रिपल आइटी में बीटेक छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। ट्रिपल आइटी से बीटेक करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है। इस बार बीटेक के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग (सीएसई) की सीटें पिछले सत्र की अपेक्षा दोगुनी कर दी गई हैं। वहीं, बढ़ाई गई कुल सीटों की संख्या के अलावा 10 प्रतिशत अतिरिक्त सीट छात्राओं के लिए रिजर्व रहेगी। इस पर केवल छात्राओं का ही चयन किया जाएगा। यही नहीं कुल सीटों में छात्र-छात्राएं दोनों का चयन किया जाएगा। यह जानकारी ट्रिपल आइटी के पीआरओ डा. धीरज कुमार सिन्हा ने दी है।

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उन्होंने बताया कि पिछले (सत्र : 2020-24) की अपेक्षा इस बार (सत्र : 2021-25) में बीटेक में 188 की जगह 263 सीटों होंगी। इस बार सीएसई में सीटों की संख्या को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। पिछले सत्र में सीएसई में 75 सीटों में नामांकन होता था, लेकिन अब 150 छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा। जबकि इलेक्ट्रानिक्स में 75 और मेकाट्रनिक्स में 38 सीटों का बदलाव नहीं किया गया है। पीआरओ ने कहा की जेईई की मुख्य परीक्षा का परिणाम आने के बाद जोसा द्वारा छात्रों की काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चयनित छात्रों का नामांकन कालेज में होगा।

ट्रिपल आइटी के निदेशक डा. अरविंद चौबे ने कहा कि सीटें बढऩे और छात्राओं के लिए अलग से सीट रिजर्व करने से संस्थान के बेहतर छात्र मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सीटों से संबंधित जानकारी काउंसिलिंग करने वाली एजेंसी जोसा को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों में भी सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर विचार हो रहा है।

बोर्ड आफ स्टडीज के गठन में पेच

टीएमबीयू में सिलेबस के बदलाव के लिए बोर्ड आफ स्टडीज के गठन में पेच फंस गया है। पूर्व कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने इसके गठन के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा था, किंंतु इसका विवि एक्ट में प्रावधान नहीं है। इस वजह से अब मामला अटक जाएगा। दरअसल, बोर्ड आफ स्टडीज के गठन के बाद उसे जो अधिकार दिए जाते हैं वह पहले से ही एकेडमिक काउंसिल के पास हैं। ऐसे में संबंधित अधिकारी भी इस प्रस्ताव पर अब सहमत नहीं होंगे। सीसीडीसी डा. केएम स‍िंंह ने कहा कि बोर्ड आफ स्टडीज का एक्ट में प्रावधान नहीं है।


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