गणतंत्र दिवस : 26 जनवरी को काला दिवस मनाने की फिराक में माओवादी
शीर्ष माओवादी कमांडर के मंसूबे को नाकाम करने में जुटे अद्र्धसैनिक बल और पुलिस के जवान। पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर बांका मुंगेर जमुई खगडिय़ा लखीसराय समेत नेपाल से सटे सीमांचल के अररिया फारबिसगंज किशनगंज जोगबनी में भी सतर्कता बढ़ा दी है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को माओवादी काला दिवस मनाने की फिराक में हैं। अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में गणतंत्र दिवस मौके पर झंडोत्तोलन मौके पर हिंसा फैलाने की उनकी तैयारी है। शीर्ष माओवादी कमांडरों ने काला दिवस मनाने की गुपचुप तैयारी कर रखी है। सुरक्षा एजेंसियों ने तकनीकी निगरानी में उनके नापाक मंसूबे की जानकारी पर पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजी है। माओवादियों की इस काली योजना की जानकारी पर पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, खगडिय़ा, लखीसराय समेत नेपाल से सटे सीमांचल के अररिया, फारबिसगंज, किशनगंज, जोगबनी में भी सतर्कता बढ़ा दी है। सीमांचल इलाके में एसएसबी और बीएसएफ के जवानों के अलावा जिला पुलिस बल ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जबकि पूर्वी बिहार के इन जिलों में मौजूद अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। जिला पुलिस ने भी होटलों, लॉजों के अलावा जिले के प्रवेश मार्गों पर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। विशेष शाखा के पदाधिकारी घनी आबादी वाले इलाके में सूचना संग्रह कर रहे हैं।
अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस को पार्टी दस्ते बना सकते निशाना
अर्द्धसैनिकबलों और जिला पुलिस की लगातार चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन से माओवादियों के पांव उखडऩे लगे हैं। प्रभाव खत्म होने से बौखलाए उनके हिरावल दस्ते अद्र्धसैनिक बलों और पुलिस पिकेट पर हमला कर सकते हैं। गिरीडीह से नक्सलियों का हिरावल दस्ता जिसमें कई एरिया कमांडर भी शामिल हैं उनका प्रवेश बांका के दुधपनियां जंगल में होने की बात कही जा रही है। हिरावल दस्ते के जरिए जमुई के सोनो और चरकापत्थल के जंगलों में भी काला दिवस को लेकर कमांडरों ने रणनीतिक बैठक की है। पार्टी के हिरावल दस्ते सरकारी भवनों, पंचायत राज सरकार भवनों, स्कूलों, दूरसंचार उपकरणों, रेल संपत्तियों को भी विस्फोट के जरिए नुकसान पहुंचा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार जंगल और पहाड़ों पर जमुई, मुंगेर, बांका, लखीसराय, भागलपुर, खगडिय़ा के मोरकाही आदि जगहों में नक्सलियों का प्रभाव काफी कम हुआ है। नक्सली घटनाओं में काफी कमी आई है। गंगटा के जंगल में रास्ता रोक लूटपाट जैसी वारदात को अंजाम देना उनकी रीति-नीति में बदलाव का संकेत दे रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि 26 जनवरी को काला दिवस मनाने के क्रम में नक्सली बड़ी हिंसक कार्रवाई कर अपनी उपस्थिति उपरोक्त इलाके में दर्ज करा सकते हैं। भागलपुर के पीरपैंती, ईशीपुर, सजौर, बाथ, शाहकुंड क्षेत्र में और बांका जिले के कटोरिया, बेलहर, बौंसी के अलावा जमुई, मुंगेर से सटी सीमा पर पुलिस चौकसी बरत रही है। शहरी क्षेत्र में होटलों, धर्मशाला, लॉजों की तलाशी ली जा रही है। डॉग स्क्वाड को लगाया गया है।