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नौ शिक्षकों के भरोसे एक हजार छात्रों का भविष्य, जानिए कैसे हो रही है पढ़ाई

सरकार भले सरकारी स्‍कूलों को सुदृढ़ करने में लगीहै पर सच तो यह कि मानक के अनुरूप शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में बच्‍चों का भविष्‍य अधर में है। इंटरस्‍तरीय स्‍कूल राजपुर की भी यहीं स्थिति है। यहां नौ शिक्षकों के भरोसे है 1003 बच्‍चों का भविष्‍य

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 01:39 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 01:39 PM (IST)
नौ शिक्षकों के भरोसे  एक हजार छात्रों का भविष्य, जानिए कैसे हो रही है पढ़ाई
विषयवार शिक्षकों की कमी, स्कूल में घेराबंदी का अभाव

जागरण संवाददाता, बांका । शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है। स्थिति ऐसी है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों के अनुपात से शिक्षक उपलब्ध नहीं है। हाई स्कूलों को प्लस टू में तब्दील तो कर दिया गया है। पर भवन सहित अन्य संसाधन की घोर कमी है।

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हम बात कर रहे हैं प्लस टू उच्च विद्यालय राजपुर की। यहां 1003 छात्र- छात्राएं नामांकित हैं।

कक्षा नवम में 134, 10 वीं में 203, 11 वीं मेंं 175 छात्रा 11वीं के विज्ञान में 53 छात्र 20 छात्रा, कला में 44 छात्र 76 छात्रा 12वीं कक्षा में विज्ञान में 45 छात्र 12 छात्रा तथा कला में 49 छात्र 71 छात्राएं है। विद्यालय में कुल नौ शिक्षक है जिनमें से छह शिक्षक माध्यमिक स्तर के एवं तीन शिक्षक प्लस टू के हैं।

स्कूल में प्रयोगशाला, उन्नयन, कम्प्यूटर कक्ष है। कम्प्यूटर शिक्षा का लाभ छात्रों को नहीं मिलता है। सामान चालू अवस्था में नहीं है और शिक्षक भी नहीं है। भवन भी पर्याप्त नहीं है। घेराबंदी नहीं होने से कम्प्यूटर एवं स्मार्ट क्लास के सामानों की भी चोरी हो चुकी है। शौचालय की संख्या महज दो है। जिस कारण छात्रों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। पुस्तकालय का भी सुचारू संचालन नहीं होता है।

उसका जिम्मा ङ्क्षहदी शिक्षक के पास है। प्लस टू में विज्ञान सहित अन्य विषय के शिक्षकों की घोर कमी है। छात्रों का पठन पाठन ट््यूशन या फिर खुद के मेहनत पर निर्भर है। उक्त स्कूल में राजपुर एवं धौरी पंचायत के दर्जनभर गांवों से छात्र- छात्रा पठन पाठन के लिए आते हैं। संसाधन व शिक्षकों की कमी कारण कड़ी मेहनत बाद भी बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाता है।

स्कूल में 1003 छात्र- छात्राएं नामांकित है। पर शिक्षकों की कमी है। कम्प्यूटर शिक्षक तो है ही नहीं। एक उर्दू शिक्षक मु शमसुद्दीन प्रतिनियोजन में सुईया हाई स्कूल में हैं। दो स्मार्ट क्लास भी है। जिस कारण सभी छात्र- छात्राओं को समुचित लाभ नहीं मिल सकता है।भवन एवं चारदीवारी की आवश्यकता है।

सुभाषचंद्र निराला, प्रभारी प्रधानाध्यापक


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