रानी चौबे भागलपुर के विकास को लेकर करेगी संघर्ष, सब कुछ ठीक रहा तो लड़ेंगी चुनाव
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। इसके लिए कई संभावित प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों का मन टटोल रहे हैं। इसी कड़ी में एक नाम रानी चौबे का भी जुड़ गया है।
भागलपुर, जेएनएन। नगर विकास एवं आवास विभाग की मीडिया प्रभारी के पद से त्यागपत्र देकर रानी चौबे भागलपुर के विकास कार्यों को लेकर अब संघर्ष करेगी।
उन्होंने कहा की नगर विकास एवं आवास विभाग ने दो साल के कार्यकाल में भागलपुर को 126 करोड़ की योजना दी। मंत्री सुरेश शर्मा द्वारा कई योजनाओं का शिलान्यास भी भागलपुर आकर किया। पर दुख की बात है कि योजनाएं धरी की धरी रह गई। 101 शिलापट्ट निगम के गोदाम में फेंके पड़े हैं। इससे निगम को कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जनता को फर्क पड़ता है। इन योजनाओं पर अगर काम किया होता तो जनता इससे लाभान्वित जरूर होती। इसके अलावा बेसहारा लोगों के लिए सुविधाओं से लैस आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया। जिसका देख-रेख नगर निगम द्वारा किया जाना था परंतु इस आश्रय स्थल को भी लावारिस की तरह छोड़ दिया गया है। भागलपुर की जनता के साथ अब ऐसे नकारा जनप्रतिनिधि के खिलाफ एक आंदोलन कर उनसे उनके कार्य का हिसाब लिया जाएगा।
रानी चौबे ने भागलपुर में बिजली विभाग और पैन इंडिया कंपनी में पीआरओ पद कार्य कर चुकी हैं। उनका मानना है कि कुशल नेतृत्व और अच्छे जनप्रतिनिधि के अभाव में भागलपुर जिले का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि वह अब सरकार की सेवा छोड़ भागलपुर की आम जनता की सेवा करने का प्रण ले चुकी हैं। उन्होंने बताया कि भागलपुर व नाथनगर के लोगों के उन्हें काफी प्यार दिया है। आज उनका कर्तव्य है कि वहां के जनता के लिए खुद को समर्पित कर दें। और विकास में योगदान दें।
उन्होंने बताया कि नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार सरकार में उनके 2 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने भागलपुर को 126 करोड़ की योजना से लाभान्वित करवाया है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं पर अगर काम किया गया होता तो आज जनता इससे लाभान्वित जरूर होती। इसके अलावा बेघर बेसहारा लोगों के लिए निश्शुल्क आश्रय, भोजन एवं अन्य सुविधाओं से लैस आश्रय स्थल का निर्माण करवाया। सरकार के सहयोग से वह भागलपुर में अपने कार्यकाल के दौरान बिजली संकट को दूर करने में सफल रही। पहले भागलपुर में मुश्किल से 6 घंटे बिजली रहती थी, परंतु इस बिजली व्यवस्था को दुरुस्त कर भागलपुर को 22 घंटे बिजली उपलब्ध कराने में सफल रही, परिणाम आज सामने है,साथ ही उन्होंने भागलपुर में पेयजल हेतु बरारी स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी दुरुस्त करवाया जिसके फलस्वरूप आज भागलपुर की जनता शुद्ध पेयजल से लाभान्वित हुई है।