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Raksha Bandhan 2020 : अबकी कैदी भाइयों को राखी नहीं बांध सकेंगी बहना

Raksha Bandhan 2020 कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस बार जेल के बंद कैदियों को उनकी बहन राखी नहीं बांध पाएंगी। संक्रमण के कारण यह निर्णय लिया गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 12:32 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 12:32 PM (IST)
Raksha Bandhan 2020 : अबकी कैदी भाइयों को राखी नहीं बांध सकेंगी बहना
Raksha Bandhan 2020 : अबकी कैदी भाइयों को राखी नहीं बांध सकेंगी बहना

भागलपुर, जेएनएन। Raksha Bandhan 2020 : कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते खतरे का असर इस बार भाई-बहनों के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर भी पडऩे वाला है। कैदियों से मुलाकाती व्यवस्था 23 मार्च 2020 से स्थगित होने के कारण इस बार जेल में बंद भाइयों को बहनें राखी नहीं बांध सकेंगी। रक्षाबंधन त्यौहार मौके पर सबेरे छ:ह बजे से ही हर साल जेल परिसर में बहनों की भीड़ लग जाती है। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगाई गई पाबंदी में बहनें राखी बांधने नहीं आ सकेंगी।

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तीनों जेलों में बनाया जाता रहा है विशेष मुलाकाती केंद्र

रक्षाबंधन मौके पर भागलपुर की शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा, महिला मंडल कारा में विशेष मुलाकाती कक्ष बनाया जाता है। जहां कैदी भाइयों को कारा प्रशासन विशेष निगरानी में बारी-बारी से बुलाकर बहनों से राखी बंधवाने की व्यवस्था कराता है। बहनें मिठाइयां और हल्दी, चंदन, अक्षत, दही, दूभड़ी वाली थाली लेकर पहुंचती हैं। जेल प्रशासन महिला मंडल कारा में बंद कैदी बहनों से मिलने पहुंचने वाले भाइयों के लिए अलग व्यवस्था कराता रहा है। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में ही उनके लिए कक्ष तय कर दिया जाता है। कैदियों के लिए विशेष पकवान भी तैयार कराया जाता है। इस बार जेल अधिकारियों में ऊहापोह की स्थिति है। जेल प्रशासन फिलहाल 23 मार्च 2020 से स्थगित मुलाकाती व्यवस्था को आधार मानकर परिजनों के प्रवेश पर रोक लागू कर रखा है।

जेल अधीक्षक संजय कुमार चौधरी कहते हैं कि यदि मुख्यालय से कोई निर्देश आता है तो विकल्प पर विचार होगा। वैसे कोरोना संकट को देखते हुए इस साल राखी बांधने के लिए बहनों का प्रवेश संभव नहीं है। इधर कैदी मुलाकाती व्यवस्था के स्थगित रहने के कारण डाक से जेल में राखियां भी आने लगी हैं। दूर-दराज के जिलों से यहां रखे गए कैदी भाइयों की राखियां जेल पहुंचने लगी हैं। तीनों जेलों में तीन हजार से अधिक कैदी बंद हैं।


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