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... और जमींदोज हो गया उल्‍टा पुल, 114 वर्ष पुराना था रेलवे का यह पुल Bhagalpur News

पीरपैंती के उल्‍टा पुल का ध्‍वस्‍त कर दिया गया। पुल 114 पुराना था। रेलवे ने इस पुल से खतरा होने का संकेत दिया था। इस कार्य को करने के लिए रेलवे ने मेगा ब्‍लॉक लिया था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 02:03 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 02:03 PM (IST)
... और जमींदोज हो गया उल्‍टा पुल, 114 वर्ष पुराना था रेलवे का यह पुल Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। पीरपैंती के दक्षिणी भाग एवं उत्तरी भाग को जोड़ने वाले एनएच अस्सी से सुंदरपुर सड़क को जोड़ने वाले मार्ग पर बने ब्रिटिशकालीन रेल ओवर ब्रिज अब यादों में सिमट कर रह जाएगा। भागलपुर-साहिबगंज रेलखंड पर पीरपैंती स्टेशन के समीप अंग्रेजों के बनाए यह रेल ओवर ब्रिज को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। धनबाद से आए विशेषज्ञों की टीम ने रेलवे ओवर ब्रिज संख्या 91 को विस्फोटक से ब्लास्ट कर उड़ा दिया।

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इस पुल के ध्वस्त हो जाने से पीरपैंती एवं कहलगांव के बीच रेल विद्युतीकरण की बाधाएं समाप्त हो गई। अब इस कार्य में तेजी आएगी। इस दौरान पूर्व रेलवे के उप मुख्य अभियंता निर्माण जमालपुर जितेंद्र कुमार, सीनियर डीईएनटू राजीव शंकर, एक्सईएन सीएन तिवारी, जिला अभियंता निर्माण भागलपुर जेसी दास, यातायात निरीक्षक बीबी तिवारी, एसएस घनश्याम दास, आईओडब्ल्यू नीरज कुमार, पीडब्ल्यूआई नवीन कुमार आदि मौजूद थे।

केंद्रीय खनन एवं इंधन अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर डॉ पीके सिंह के निर्देशन में धनबाद से आये मुख्य वैज्ञानिक सी सौम्यलियन, सीनियर टेक्निकल ऑफिसर राकेश कुमार सिंह, एमपी रॉय, विवेक कुमार हिमांशु, सूरज कुमार, पंचानंद हेम्ब्रम, शौकत बनर्जी आदि विशेषज्ञों की टीम ने शनिवार की रात्रि से ही पुल के अंदर बने सुराख में बिस्फोटक लगाने का कार्य शुरू कर दिया था। दोपहर 12:57 बजे विस्फोटक से इसे ब्लास्ट कर दिया। इसके साथ ही देखते ही देखते 1856 के अंग्रेजों के जमाने का ईंट और सुरखी-चूना के मिश्रण के बूते खड़ा पुल मलबे में तब्दील हो गया। मौके पर पीरपैंती सीओ नागेंद्र कुमार, बीडीओ रज्जन लाल निगम, पीओ संजय ठाकुर, पीरपैंती थानाध्यक्ष राकेश कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर बीके झा दल बल के साथ मौजूद थे।

वैज्ञानिकों ने बताया कि कंट्रोल ब्लास्टिंग की पद्धति से ब्लास्ट किया गया है, जिसमें नॉन इलेक्ट्रिक डिले डेटोनेटर का प्रयोग किया गया। 17 मिली सेकेंड, 25 मिली सेकेंड एवं 42 मिली सेकेंड का प्रयोग किया गया है। 84 मिली सेकेंड में पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। ब्लास्ट को हाई स्पीड वीडियो कैमरा से रिकॉर्ड भी किया गया। एफपीएस पर रिकॉर्ड करने से ब्रिज की सही गतिविधि का रिकार्ड मिला।  पुल को ध्वस्त होते देखने को लेकर बड़ी तदाद में लोग जुटे थे। 

इसको लेकर शुक्रवार को ही वैज्ञानिकों की टीम यहां पहुंच गई थी। शनिवार को टीम में शामिल वरिष्ठ वैज्ञानिक एमपी रॉय, विवेक कुमार हिमांशु एवं तकनीकी अधिकारी सूरज कुमार ने निरीक्षण किया था।

रविवार की सुबह तक सुराखों में बारूद भरकर मिट्टी से सुराखों के मुंह को बंद कर दिया गया। वैज्ञानिकों की देखरेख में मिली सेकेंड डिले डेटोनेटर का प्रयोग सेंपल तोड़ा गया। इसके लिए सुबह 11 से शाम पांच बजे तक मेगा ब्लॉक लिया गया। आरपीएफ व स्थानीय थाना पुलिस के अलावा दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किए गए थे। बीडीओ रज्जन लाल निगम ने वैकल्पिक मार्ग व पुल का निरीक्षण किया था। इससे पहले शुक्रवार को धनबाद से पहुंची केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की चार सदस्यीय टीम ने इसका निरीक्षण किया।

वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि दोहरीकरण कार्य को लेकर साहेबगंज से भागलपुर रेलखंड के बीच छह पुराने पुल को कंट्रोल ब्लास्ट सुरक्षित रूप से कर दिया गया था। पीरपैंती का यह आरओबी 91 अंतिम है। पुल ध्वस्त करने के लिए पिछले दिसंबर माह में सुराख करने के लिए अभियंताओं को डिजाइन से अवगत कराया गया था। सुरक्षा के दृष्टिकोण से मिट्टी भरी बोरियां, टीन के शीट (चदरा), डबल लेयर की सुरक्षा दी गई थी। कंट्रोल ब्लास्ट पद्धति से पुल तोड़ा गया। पुल के दोनों तरफ 500 मीटर की दूरी पर बैरिकेटिंग किया गया था। इसके अलावा सेंसटिव स्ट्रक्चर के बचाव के लिए उपाय किए गए थे। सुरक्षित ब्लास्टिंग के लिए दो वॉकी-टॉकी का भी प्रबंध किया गया था।

284 सुराख बनाए गए थे

इसके लिए पुल में 284 सुराख बनाए गए थे, जिसमें बारूद भरा गया। केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह के निर्देशन में धनबाद से आए वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ सी सोमलेयान, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी राकेश कुमार सिंह, तकनीकी अधिकारी पंचानंद हेम्ब्रम एवं तकनीकी सहायक शौकत बनर्जी ने पुल को ध्वस्त करने के लिए उसमें किए जा रहे सुराख को देखा तथा सुरक्षित ब्लास्टिंग हेतु सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

सुबह ग्यारह से शाम पांच बजे तक रहेगा मेगा ब्लॉक

रेल अधिकारियों के अनुसार इसके लिए छह घंटे का मेगा ब्लॉक लिया गया। रविवार की सुबह ग्यारह बजे से शाम पांच बजे तक ब्लॉक लिया गया। ऐसे में 53037 व 53038 साहेबगंज-भागलपुर साहेबगंज पैसेंजर ट्रेन तथा 53411 व 53412 साहेबगंज-बड़हरवा-साहेबगंज पैसेंजर ट्रेन को रद कर दिया गया है जबकि 53416 डाउन जमालपुर-साहेबगंज पैसेंजर ट्रेन कहलगांव तक ही चलेगी और ट्रेन नंबर 53415 साहेबगंज-जमालपुर कहलगांव से ही खुलेगी।


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