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अमान परिवर्तन के नाम पर तीन वर्षों से बंद है बिहारीगंज में रेल परिचालन

समस्तीपुर रेल मंडल के बिहारीगंज-बनमंखी रेलखंड पर अमान परिवर्तन को लेकर रेल परिचालन बंद है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 03:03 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 03:03 PM (IST)
अमान परिवर्तन के नाम पर तीन वर्षों से बंद है बिहारीगंज में रेल परिचालन
अमान परिवर्तन के नाम पर तीन वर्षों से बंद है बिहारीगंज में रेल परिचालन

जेएनएन (मधेपुरा)। समस्तीपुर रेल मंडल के बिहारीगंज-बनमंखी रेलखंड पर अमान परिवर्तन को लेकर रेल परिचालन बंद है। परिचालन बंद रहने से लोगों के बीच आक्रोश बढ़ने लगा है। महज 27 किलोमीटर की दूरी का रेलखंड पर तीन वर्षो से कार्य को लेकर परिचालन बंद होना लोगों को नागवार गुजर रहा है। जो रेल प्रशासन की उदासीनता को दर्शा रहा है। ऐसे में रेलवे स्टेशन परिसर को झाड़-झांकड़ अपने आगोश में लेता जा रहा है। रेलवे के सुस्त निर्माण कार्य ने इस क्षेत्र के लोगों का रेल संपर्क मार्गों काट कर रख दिया है। बताते चले कि अंग्रेजी शासन काल का बिहारीगंज-बनमंखी रेलखंड मीटरगेज छोटी रेल लाइन से ब्राडगेज बड़ी रेल लाइन में बदलने के नाम पर गत 31 जनवरी 2016 से रेल सेवा बंद किया गया है। इस रेलखंड कार्य काफी मंथर गति से चल रहा है। इस वजह से ढाई वर्ष बीतने के निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण बिहारीगंज- बड़हरा के बीच दो बड़ा पुल का निर्माण अधर में पड़ा रहना है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस परियोजना का बजट सत्र वर्ष 2017-18 में पूरी राशि भी आवंटित की जा चुकी है। इसके बावजूद निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर लोगों विभाग के अधिकारियों की मनमानी रवैये को उजागर होने की बातें कहते हैं। व्यवसायिक ²ष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है बिहारीगंज रलवे स्टेशन कोसी और सीमांचल में व्यवसायिक ²ष्टिकोण से बिहारीगंज रेलवे स्टेशन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रेलवे स्टेशन से भागलपुर, खगड़िया, पुर्णिया, सहरसा एवं सुपौल जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र का जुड़ाव रहने की वजह से यात्रियों को काफी सुविधा होती थी। वहीं किसानों व व्यवसायियों को भी आनाज एवं समानों को लाने व ले जाने में कम खर्च लगता था। इस कारण रेलवे को माल भाड़ा से काफी मुनाफा होता था। इसी वजह से बिहारीगंज रेलवे स्टेशन का पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर में अपना एक स्थान कायम था। पूर्व में बिहारीगंज रेलवे स्टेशन से बिहारीगंज- बनमंखी, बिहारीगंज-कटिहार के आलावा लंबी दूरी बिहारीगंज-सहरसा- जयनगर के लिए सवारी गाड़ी का परिचालन होता था। रेल अधिकारी के सुस्त रवैये से तीन वर्षो से रेल सेवा चालू करने का दावा हवा-हवाई। ढाई वर्ष बीतने के बाद भी बिहारीगंज-बनमंखी रेलखंड पर रेल सेवा चालू करने का रेल अधिकारियों का दावा फेल साबित हो रहा है। मार्च 2017 से लगातार रेल परिचालन चालू करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन अभी तक बिहारीगंज- बड़हरा रेलखंड पर दो बड़ी रेलवे पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। वहीं प्लेटफार्म सहित पटरी, मिट्टी, बिजली, सिग्नल एवं कई कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। इससे लोगों द्वारा वर्ष 2018 तक भी रेल लाइन चालू होना संभव नहीं दिख रहा है। यदि स्थिति यहीं रही तो अगले वर्ष भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए रेलवे का परिचालन होना सपना बनकर रह जाएगा।

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बिहारीगंज- बनमंखी रेलखंड पर आमान परिवर्तन कार्य तेजी से लाए जाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। संवेदक के उदासीनता एवं कुछ समस्याओं की वजह से निर्माण कार्य में देरी हो रहीं है। इसकी सूचना रेल प्रशासन के संबधित वरीय अधिकारी को लगातार दी गई है। निर्माण कार्य में संवेदक की उदासीनता व मनमानी की वजह से कार्रवाई की प्रक्रिया किया गया है।

आरके रमण

आइओ डब्लू निर्माण

पूमरे बनमंखी


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