Purnia News:आंगनबाड़ी केंद्रों की ट्रेकर एप से होगी निगरानी, काम के आधार पर वेतन का होगा भुगतान
आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनीटरिंग अब पोषण ट्रेकर एप से की जाएगी। सभी सेविकाओं के लिए पोषण ट्रेकर एप का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। पोषण ट्रेकर नाम के इस एप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत मूल्याकंन और निगरानी आसान होगा।
जागरण संवाददाता,पूर्णिया। जिले में अब सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से की जाएगी। इससे आईसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार व आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी हो सकेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों की सतत निगरानी और अनुश्रवण के लिए नया मोबाईल एप्लीकेशन जारी किया गया है। पोषण ट्रेकर नाम के इस एप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत मूल्याकंन और निगरानी आसान होगा।
सुनिश्चित किया जाएगा पोषण ट्रेकर एप का प्रयोग
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शोभा सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जिले की सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन पूर्व में ही उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से आईसीडीएस सेवाओं की गुणवत्ता व सुगम अनुश्रवण प्रक्रिया का संचालन सभी सेविकाएं करेंगी।
राष्ट्रीय पोषण मिशन की जिला समन्वयक निधि प्रिया ने बताया कि आईसीडीएस निदेशालय बिहार सरकार ने पोषण ट्रेकर एप डाउनलोड करने का निर्देश दिया है। सेविकाओं के मोबाइल में पोषण ट्रेकर एप डाउनलोड करने की जिम्मेदारी पोषण अभियान के अंतर्गत कार्यरत जिला समन्वयक, जिला परियोजना सहायक, ब्लॉक समन्वयक और ब्लॉक परियोजना सहायकों को सौंपी गई है। वैसे जिले जहां परियोजना के तहत अब तक पर्याप्त संख्या में कर्मियों के नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। वैसे जगहों पर यह जिम्मेदारी संबंधित सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षिका को सौंपी गई है।
मोबाइल एप में अपलोड होगी सेवाएं
राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि इस एप के आने से रियल टाइम मॉनिटङ्क्षरग की प्रक्रिया में सुविधा मिलेगी। इसमें केंद्र खुलने के समय से लेकर केंद्र पर नामांकित बच्चे, उपस्थिति पंजी, टीएचआर का वितरण, बच्चों की ग्रोथ मॉनिटङ्क्षरग की प्रकिया बेहद आसान होगी। केंद्र के संबंध में तमाम जानकारी एप पर दर्ज होगी। कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना आसान होगा। इतना ही नहीं एप पर किए गए कार्य के मुताबिक ही सेविकाओं को उनके मानदेय का भुगतान किया जाना है। एप्लीकेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ-साथ छह साल तक के बच्चों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की सतत निगरानी आसान होगी।