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नौ विदेशी नागरिकों के स्‍वदेश लौटने की जगी उम्मीद, बिहार के इस केंद्रीय कारा में हैं सभी बंद

विदेशी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में पूर्णिया केंद्रीय कारा के संसीमन केंद्र में नौ विदेशी कैदी हैं। आठ बांग्लादेशी और एक अफ्रीका का नागरिक पूर्णिया के संसीमन केंद्र में संसीमित। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने संज्ञान लेकर नियुक्त किया पैनल अधिवक्ता।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 10:48 AM (IST)
नौ विदेशी नागरिकों के स्‍वदेश लौटने की जगी उम्मीद, बिहार के इस केंद्रीय कारा में हैं सभी बंद
केंद्रीय कारा पूर्णिया। पूर्णिया के केनगर थाना क्षेत्र में पकड़ा गया था विदेशी।

पूर्णिया [शैलेश]। विदेशी अधिनियम के उल्लंघन एवं अन्य आरोपों में सजा पूरी करने के बाद वर्षों से पूर्णिया केंद्रीय कारा के संसीमन केंद्र में संसीमित बंदियों के वापस उनके देश लौटने की उम्मीद जगी है। यहां बांग्लादेश के आठ और पश्चिमी अफ्रीका के सेनेगल देश का एक नागरिक है। कानूनी प्रक्रिया के अभाव में ये अपने देश नहीं लौट सके हैं।

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हाल ही में एक संसीमित बांग्लादेशी नागरिक तौफीक आलम की इलाज के दौरान भागलपुर में मौत हो गई थी। इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव दिव्य प्रकाश ने संज्ञान लेकर कानूनी प्रक्रिया अपनाने के लिए पैनल अधिवक्ता जयंत कुमार चौधरी को नियुक्त किया है। पैनल अधिवक्ता ने केंद्रीय कारा के अधीक्षक से इनके बारे में जानकारी मांगी है। साथ ही जिन जिलों से इनकी गिरफ्तारी की गई है, वहां के पुलिस अधीक्षकों से भी जानकारी मांगी गई है।

आर्म्‍स एक्ट और विदेशी अधिनियम के उल्लंघन में पकड़े गए थे विदेशी : विदेशी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई। इस कारण कई बंदी सजा पूरी होने के 10 साल बाद भी संसीमन केंद्र में हैं। बेगूसराय के नगर थाना क्षेत्र में 2006 में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक मु. कुदाल की सजा 2010 में ही पूरी हो चुकी है। सिवान में हथियार के साथ तीन बांग्लादेशी नागरिक ओहिदुल, सैदुल व मो. टुटुल को 2016 में पकड़ा गया था। इन पर आम्र्स एक्ट में मामला दर्ज किया गया था।  सुपौल जिले में बांग्लादेशी नागरिक लिलुहा 2013 में पकड़ा गया था। इसी जिले से 2014 में अजीम बुईया और मु. मोजिबुल हक उर्फ राजू को गिरफ्तार किया गया था। पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में 2017 में बांग्लादेश के अहमद अल फहाद को और समस्तीपुर में 2019 में अफ्रीकी नागरिक थॉम्स ईवी जैकब को गिरफ्तार गया था। केंद्रीय कारा अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि जब तक संबंधित जिलों के प्रशासन एवं विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसे विदेशी नागरिकों को भेजने की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी, तब तक इन्हें संसीमन केंद्र में ही संसीमित रखा जाएगा।

कारा प्रशासन ने ही कराया था तौफीक का अंतिम संस्कार : पूर्णिया के केनगर थाना क्षेत्र में पकड़ा गया बांग्लादेशी नागरिक मु. तौफीक पूर्णिया के संसीमन केंद्र में था। इलाज के क्रम में भागलपुर में 25 दिसंबर, 2020 को उसकी मौत हुई थी। काफी दिनों तक शव को सुरक्षित रखने के कारण इससे दुर्गंध आने लगी थी। विदेश मंत्रालय और बांग्लादेशी दूतावास द्वारा कोई पहल नहीं होने के बाद कारा विभाग के आदेश पर फरवरी, 2021 में कारा प्रशासन द्वारा भागलपुर में उसका अंतिम संस्कार कराया गया था।

विदेशी नागरिकों की सजा पूरी हो चुकी है। इन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत इनके देश भेजने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। - जयंत कुमार चौधरी, पैनल अधिवक्ता


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