जनवितरण प्रणाली : जमा हो रहे आवेदन, नहीं बन रहा राशन कार्ड, भागलपुर में इतने आवेदन हैं पेंडिंग
आरटीपीएस काउंटर पर जमा होने वाले आवेदनों का निपटारा नहीं होने से सैकड़ों उपभोक्ता परेशान। सरकार ने लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई का दे रखा है आदेश फिर भी नहीं सुधर रही स्थिति। जिले में 11 हजार से अधिक आवेदन पड़े हुए हैं पेंडिंग।
भागलपुर [नवनीत मिश्र]। नया राशनकार्ड बनाने के लिए आरटीपीएस काउंटर पर भारी संख्या में आवेदन जमा हो रहे हैं। लेकिन उन आवेदनों के निपटारे में बीडीओ आनाकानी कर रहे हैं। यही कारण है कि 11 हजार से अधिक आवेदन जिले में पेंडिंग है। एक आवेदन को एक माह के अंदर निबटारा करना है, लेकिन वह भी नहीं हो पा रहा है। बीडीओ और कर्मचारियों की कार्यशैली से नाराज राज्य सरकार ने नियत समय पर राशनकार्ड के आवेदनों को निबटारा करने का आदेश दिया है। साथ ही आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन नहीं लेने वाले कर्मचारियों की पहचान कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गई है। आवेदनों की खोज-खबर ली जाने लगी है।
छूटे लाभुकों का बनेगा राशन कार्ड
छूटे हुए लाभुकों का राशन कार्ड बनेगा। डीएम सुब्रत कुमार सेन से सभी बीडीओ पत्र भेजकर छूटे हुए लाभुकों का राशन कार्ड के लिए आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि ऐसी शिकायत मिल रही है कि प्रखंड स्तरीय आरटीपीएस काउंटर पर राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदकों का आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है। यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा है कि आरटीपीएस काउंटर पर विहित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त करते हुए निर्धारित समयसीमा में जांचोपरांत नया राशन कार्ड निर्गत किया जाए। इस कार्य में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
स्वयं का शपथपत्र जरूरी
राशनकार्ड बनाने के लिए अब नोटरी शपथपत्र की आवश्यकता नहीं है। नोटरी की जगह अब स्वयं का शपथपत्र जमा करना होगा। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने इस आशय का पत्र जारी कर दिया है। प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि नए राशनकार्ड के लिए जमा होने वाले आवेदन के साथ नोटरी शपथपत्र की जगह सेल्फ डिक्लेरियेशन देना होगा। यह व्यवस्था लॉकडाउन के दौरान था। इसे आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया है। नया राशन कार्ड बनाने के लिए प्रपत्र क और कार्ड में सदस्यों का नाम जोडऩे आदि के लिए प्रपत्र ख आवेदन देना होगा।
कोरोना काल में बने 39 हजार कार्ड रद
कोरोना काल में एक लाख दो हजार 538 राशन कार्ड बने थे। इनमें से अधिकांश कार्ड प्रवासी मजदूरों ने बनवाए थे। लेकिन राशन कार्ड बनने के बाद 39 हजार लाभुकों ने खाद्यान्न का उठाव नहीं किया। छह महीने तक लाभुकों द्वारा खाद्यान्न का उठाव नहीं करने के कारण कार्ड को रद कर दिया गया है।
अपात्र लाभुकों को नोटिस
जिले में 30 हजार 594 अपात्र लाभुकों की खोज की गई है। इन लाभुकों को विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। नोटिस का जवाब नहीं आने पर राशनकार्ड को रद करने की प्रक्रिया की जाएगी। इन लाभुकों के पास सुख-सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था रहने के बावजूद राशनकार्ड बनवा लिया गया है।
सभी बीडीओ और संबंधित कर्मचारियों को नियत समय पर राशनकार्ड से संबंधित आवेदनों को निपटाने का आदेश दिया गया है। समय पर आवेदन नहीं निपटाने पर कार्रवाई होगी। - अंजनी कुमार श्रीवास्तव, जिला आपूर्ति पदाधिकारी
मुख्य बातें
516591 हैं जिले में राशनकार्डधारी
- 384814 परिवारों ने उठाया खाद्यान्न
- 1.28 लाख क्विंटल खाद्यान्न का होता है उठाव
- 102538 कार्ड बना था कोरोना काल में
- 39 हजार का नाम हटा राशनकार्ड से
- 17 जनवितरण प्रणाली की दुकानों का लाइसेंस रद
- 05 दुकानों का लाइसेंस निलंबित