विशेष केंद्रीय कारा : यहां पुलिस अधिकारी भी नहीं हैं सुरक्षित, कैदी ने ASI को पीटा, जानिए मामला Bhagalpur News
जेल में अचानक एएसआई के साथ मारपीट और जानलेवा हमला होते ही माहौल खराब हो गया। इस कारण पुलिसकर्मियों को उसे नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
भागलपुर [जेएनएन]। बिहार के अति सुरक्षित माने जाने वाले विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) में एक आजीवन कारावास काट रहे दबंग बंदी की गुंडागर्दी सामने आई है। लखीसराय जिले के हलसी इलाके के शाहनगर निवासी विजय कुमार यादव ने तृतीया खंड में तैनात एएसआई सुबोध कुमार को दौड़ा दौड़ाकर पीटा। इस दौरान उसने एएसआई की वर्दी भी फाड़ दी। इसी बीच विजय ने एएसआई पर लकड़ी की कुर्सी से जानलेवा हमला कर दिया। मामले में जेल के उपाधीक्षक सुधीर कुमार शर्मा ने तिलकामांझी पुलिस चौकी में विजय के विरूद्ध केस दर्ज कराया है। मामले में मुख्यालय को भी एक रिपोर्ट भेजी गई है।
प्रशासनिक आधार पर भेजा गया है भागलपुर
दर्ज केस में बताया गया है कि विजय यादव लखीसराय मंडल कारा में हलसी थाना के एक मामले में आजीवन सजा काट रहा है। उसे प्रशासनिक आधार पर मंडल कारा से भागलपुर के कैंप जेल में शिफ्ट किया गया है। उसे जेल के अति सुरक्षित तृतीया खंड में रखा गया है। 13 जून को कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल ले जाया गया। जब उसे तृतीया खंड में प्रवेश कराया जा रहा था तो उसने कुछ प्रतिबंधित वस्तुओं को अंदर ले जाना चाहा। जिसे वहां तैनात गेट वार्डर व अन्य सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। यह देख विजय ने हंगामा शुरू कर दिया। वह तैनात सुरक्षाकर्मियों से उलझ गया और सभी को 'देख लेने' की धमकी दी। किसी तरह उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया।
अति सुरक्षा कक्ष में भी कैदी के साथ भिड़ गया था विजय
दूसरे दिन सुबह-सुबह बंदी विजय यादव गुमटी पर आ गया और गाली गलौज करते हुए सुरक्षाकर्मियों को ललकारने लगा। उसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल अति सुरक्षा कक्ष में स्थानांतरित कर दिया गया। किंतु वहां भी विजय एक कैदी से उलझ गया और उसे भी गाली गलौज करने लगा। हंगामा होता देख एएसआई सुबोध कुमार सुमन वहां पहुंचे। उन्होंने किसी तरह विजय को सुरक्षाकर्मियों की मदद से गुमटी पर लाया गया। लेकिन वह काबू में नहीं आया और एएसआई की जमकर पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान जेल में अफरातफरी और दहशत का माहौल हो गया।
बल प्रयोग कर किया गया नियंत्रित
जेल में अचानक एएसआई के साथ मारपीट और जानलेवा हमला होते ही माहौल खराब हो गया। इस कारण पुलिसकर्मियों को उसे नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। उसे नियंत्रित करने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। वहीं इस मामले के बाद जेल की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। बंदी के इस दुस्साहस के वजह से जेल में भय का माहौल है। जेल की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है।