प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की पूजा कल, जानिए... गणेश चतुर्थी का महत्व Bhagalpur News
भागलपुर में गणेश पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। पंडाल बनाए जा रहे हैं। मंदिरों को भी सजाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी को पूजा होगी।
भागलपुर [जेएनएन]। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम पूजनीय गणेश पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी है। जगह-जगह आकर्षक पूजा पंडाल बनाए गए है। सोमवार को वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
दर्शन पूजन को यहां लगती है भक्तों की भीड़
सोना पट्टी, जोगसर, कुतुबगंज, मोहदीनगर, बड़ी खंजरपुर, सराय, भीखरपुर, बरारी, मिरजानहाट, सबौर एवं नाथनगर सहित विभिन्न स्थानोंं पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। जहां दर्शन पूजन को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं आते हैं। यहां लगने वाली भीड़ की वजह से मेला का भी आयोजन होता है। सोना पट्टी में भगवान गणेश की काफी आकर्षक प्रतिमा बनाई गई है। जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
सौभाग्य के देवता के रुप में होती है पूजा
बता दें कि गणेश चतुर्थी दो सितंबर को भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। सुबह साढ़े आठ बजे के बाद प्रतिमा स्थापित करने का शुभ मुहूर्त है। इनकी पूजा ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में की जाती है। बुढ़ानाथ के पंडित राजेंद्र तिवारी ने कहा कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के दौरान हुआ था। लोगों में गणेश उत्सव को लेकर काफी उत्साह है। इस पावन मौके पर शहर और गांवों के चौक चौराहों व मोहल्लों के अलावा कई घरों में गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। पूजा के दौरान कई पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा है।
क्या है गणेश चतुर्थी का महत्व
सनातन धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य उनकी स्तुति के बिना अधूरा है। हिन्दू धर्म में गणेश वंदना के साथ ही किसी नए काम की शुरुआत होती है। यही वजह है कि गणेश चतुर्थी यानी कि भगवान गणेश के जन्मदिवस को देश भर में पूरे विधि-विधान और उत्साह के साथ मनाया जाता है।