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कटिहार में बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू... कहीं जर्जर भवन तो कहीं लो लैंड में चिन्हित किया गया आश्रय स्थल

कटिहार में बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। मनिहारी अमदाबाद आजमनगर एवं प्राणपुर प्रखंड में बाढ़ राहत शिविर में पानी प्रवेश करने के कारण इसे अन्यत्र शिफ्ट करना पड़ा है। ऐसे जगहों पर स्थल आश्रय स्थल चिन्हित किया जा रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 03:36 PM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 03:36 PM (IST)
कटिहार में बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू... कहीं जर्जर भवन तो कहीं लो लैंड में चिन्हित किया गया आश्रय स्थल
कटिहार में बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।

कटिहार [नीरज कुमार]। बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर प्रशासनिक स्तर से कवायद तेज कर दी गई है। सभी अंचलाधिकारियों को अपने अंचल क्षेत्र में संभावित बाढ़ से निपटने एवं प्रभावित लोगों के लिए उंचे स्थान पर आश्रय स्थल चिन्हित करने का निर्देश दिया गया था। अंचलाधिकारियों द्वारा इससे संबंधित प्रतिवेदन जिला मुख्यालय को प्रतिवेदित किया गया है। लेकिन आश्रय स्थल चिन्हित करने में विशेष तौर पर गंभीरता नहीं दिखाने के कारण अमूमन हर वर्ष बाढ़ आने की स्थिति में खासकर मनिहारी, अमदाबाद, आजमनगर एवं प्राणपुर प्रखंड में बाढ़ राहत शिविर में पानी प्रवेश करने के कारण इसे अन्यत्र शिफ्ट करना पड़ा है। वर्ष 2017 में आई भीषण बाढ़ के कारण अधिकांश प्रखंडों में बनाए राहत केंद्र में बाढ़ पीडि़तों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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आनन-फानन में राहत केंद्र को तटबंध एवं सड़क किनारे शिफ्ट करना पड़ा। इस वर्ष भी बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में 364 आश्रय स्थल को चिन्हित किया गया है। इनमें कहीं जर्जर भवन तो कहीं लो लैंड में स्थित सरकारी विद्यालय को भी चिन्हित कर सूची तैयार कर ली गई है। आजमनगर के घोरदह स्थित मार्केङ्क्षटग शेड की हालत जर्जर होने के बावजूद आश्रय स्थल के रूप में इसे चिन्हित कर लिया गया। अमदाबाद प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय हरदेव टोला, पंचायत भवन कृतिटोला,पंचायत भवन पार दियारा तथा प्राथमिक विद्यालय रतनटोला निचले इलाके में होने के कारण हर वर्ष बाढ़ के दौरान इन स्कूलों ेमें बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाता है। हर वर्ष बाढ़ आश्रय स्थल चिन्हित करने में बिना स्थलीय जायजा लिए पुराने सूची के आधार पर राहत केंद्र चिन्हित करने की औपचारिकता पूरी कर ली जाती है। बाढ़ आने के दौरान प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

जर्जर हालत में है मार्केङ्क्षटग शेड

आजमनगर प्रखंड के घोरदह स्थित चिन्हित आश्रय स्थल मार्केङ्क्षटग शेड की हालत जर्जर है। करीब 25 वर्ष बनाए गए मार्केङ्क्षटग शेड की छत क्षतिग्रस्त होने के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। मार्केङ्क्षटग शेड की स्थिति खस्ता होने के बाद भी इसे आश्रय स्थल बना लिया गया।

लो लैंड में स्थित विद्यालय को भी कर लिया गया चिन्हित

अमदाबाद प्रखंड में चिन्हित 23 आश्रय स्थल में चार स्कूल निचले इलाके में स्थित है। हर वर्ष बाढ़ के दौरान विद्यालय परिसर में घुटना भर पानी का जमाव हो जाता है। विद्यालय के चारों ओर बाढ़ के पानी का फैलाव हो जाता है। प्राथमिक विद्यालय हरदेव टोला, पंचायत भवन कृतिटोला, पंचायत भवन पारदियारा तथा प्राथमिक विद्यालय रतनटोला लो लैंड में स्थित है।

्रआजमनगर के घोरदह मार्केङ्क्षटग शेड में चिन्हित आश्रय स्थल की भौतिक स्थिति का जायजा लिया जाएगा। मार्केङ्क्षटग शेड जर्जर हालत में पाए जाने पर अन्यत्र उंचे स्थान पर आश्रय स्थल का चयन किया जाएगा।

पवन कुमार मंडल, अनुमंडलाधिकारी, बारसोई, कटिहार।

अंचल क्षेत्र में 23 आश्रय स्थल को चिन्हित किया गया है। बाढ़ के दौरान राहत शिविर में पानी प्रवेश करने की स्थिति में आश्रय स्थल को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की भी वैकल्पिक व्यवस्था रहेगी। कई स्कूल लो लैंड क्षेत्र में भी आता है। पक्का भवन होने के कारण संबंधित स्कूल को राहत शिविर के रूप में चिन्हित किया गया है।

अनिल कुमार संतोषी, अंचलाधिकारी, अमदाबाद, कटिहार।


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