तीन दिनों की खराब बिजली आपूर्ति व्यवस्था से लोगों में उबाल, विभाग को एक बारिश का इंतजार
बिजली आपूर्ति को पटरी पर लाने में लगी विभागीय कर्मचारियों और पदाधिकारियों की टीम को सीएस फीडर में ही गड़बड़ी ठीक करने में कामयाबी नहीं मिल सकी।
भागलपुर [जेएनएन]। रेशम नगरी में बीते तीन दिनों से बिजली आपूर्ति की चरमरा चुकी व्यवस्था में बिजली आपूर्ति निर्बाध नहीं रही। हालांकि बिजली आपूर्ति पूरी तरह पटरी पर लाने के लिए कार्यपालक अभियंता समेत अन्य पदाधिकारियों का कहना है कि भीषण गर्मी के बीच एक बारिश का इंतजार है। बारिश होने पर बड़ी राहत मिलेगी। वैसे वैकल्पिक तौर पर रविवार को आपूर्ति में पूरी तरह सुधार दिखने लगेगा। शनिवार को बरहपुरा, भीखनपुर में बिजली आपूर्ति कुछ सही रही जबकि घंटाघर, आदमपुर, आनंदगढ़ के लोग घंटों परेशान रहे। लो वोल्टेज की समस्या से भी लाल बाग कालोनी, न्यायिक पदाधिकारियों का आवासीय परिसर, बरारी, जीरोमाइल क्षेत्र के लोग परेशान रहे। गुरुवार और शुक्रवार वाली स्थिति शनिवार को नहीं रही। आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होता दिखा। जिसे पटरी पर लाने की बात कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार ने कही है।
सीएस फीडर को छोड़ ब्रेक डाउन नहीं, लोकल फाल्ट से आपूर्ति ठप
बिजली आपूर्ति को पटरी पर लाने में लगी विभागीय कर्मचारियों और पदाधिकारियों की टीम को सीएस फीडर में ही गड़बड़ी ठीक करने में शनिवार को कामयाबी नहीं मिल सकी। शेष बरारी, टीटीसी, सबौर, पटल बाबू, मिरजान, हबीबपुर, कजरैली, नाथनगर आदि फीडर में ब्रेक डाउन नहीं ली गई। लोकल फाल्ट की वजह से घंटाघर, आनंदगंढ़ आदि के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बिजली आपूर्ति नहीं रही निर्बाध
तेज धूप और उमस भरी गर्मी से परेशान लोगों की परेशानी दो दिनों से बिजली आपूर्ति की खराब व्यवस्था से लोगों में उबाल है। जर्जर तार, फीडरों में तकनीकी रख-रखाव की बदतर व्यवस्था ने बिजली विभाग की पोल खोल कर रख दी है। शहरी आबादी गुरुवार की शाम से शुक्रवार की रात तक बिजली की खराब आपूर्ति व्यवस्था के कारण परेशानी में काटी है। दिन में तीखी धूप और उमस भरी गर्मी उस पर बिजली नहीं रहने से लोगों की नींद हराम हो चुकी है। लोगों के इनवर्टर भी जवाब दे चुका है। टीटीसी, सीएस, मायागंज, पटल बाबू, विक्रमशिला, मोजाहिदपुर, मिरजान, हबीबपुर, कजरैली, सबौर ग्रामीण, बरारी फीडर से जुड़े इलाके में दो दिनों से रुक-रुक कर कभी 33 केवी के बिजली तार टूटने, जंपर कटने, लोड नहीं लेने के कारण ब्रेक डाउन की स्थिति बनी रही। नतीजा बिजली आपूर्ति आठ- आठ घंटे तक ठप रही।
बिजली आने-जाने का इन दो दिनों में सिलसिला ऐसा चला कि हर दस मिनट पर बिजली आती जाती रही। लो वोल्टेज की समस्या भी इन दो दिनों में सामने आया कि जब कुछ देर के लिए बिजली आपूर्ति की भी गई तो वोल्टेज ऐसी कि पंखे की स्पीड का पता ही नहीं चला। लोग बिजली विभाग के अधिकारियों को तो कभी सरकार तक को कोस रहे हैं। आदमपुर, भीखनपुर, घंटाघर, हनुमान नगर, बरारी, इशाकचक, मिरजान, पटल बाबू रोड, मुंदीचक, बरहपुरा आदि इलाके के लोग बिजली आपूर्ति को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति आगे रही तो सड़क पर उतरना पड़ेगा।
कंडम तारों को नहीं बदला जा रहा, लोड बर्दाश्त करने की नहीं है क्षमता
शहरी और ग्रामीण इलाकों के तमाम फीडरों से जुड़े इलाकों में बिजली की आपूर्ति जिन तारों के जरिए की जा रही है उनमें अधिकांश तार जर्जर हो चुके हैं। कंडम तारों के सहारे बिजली की आपूर्ति में जरा सी लोड बढ़ी नहीं कि तार टूट कर गिर जा रहे हैं। जबकि अधिक क्षमता वाले बिजली तार को लगाने की योजना मूर्त रूप देनी थी। कुछ जगहों पर जर्जर तारों के बदलने का काम हुआ भी लेकिन कुछ दिनों में ही काम ठप हो गया। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए ट्रांसफार्मरों की क्षमता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। आबादी को देखते हुए उस मानक के अनुरूप शक्तिशाली ट्रांसफार्मर लगाए ही नहीं गए नतीजा कहीं फेज, कहीं तार तो कहीं जंपर लोड बढऩे पर कट कर गिरने लगा है।
पानी आपूर्ति पर बुरा असर
खराब बिजली आपूर्ति का असर पेयजल आपूर्ति पर भी पड़ा है। निगम से जल आपूर्ति व्यवस्था जहां बुरी तरह प्रभावित हुई है वहीं घरों की पानी टंकी भी खाली पड़ी है। मोटर चले भी तो कैसे चले, बिजली आपूर्ति ही ठप है। पानी की टंकी भरने के लिए शुक्रवार को आदमपुर, बरारी, तुलसीनगर समेत कई इलाकों में मोबाइल जेनरेटर सेट वालों का सहारा लिया।
कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि फीडर पर लोड अधिक होने से तकनीकी दिक्कतें आई है जिसे तेजी से दुरुस्त किया जा रहा है। शहरी इलाकों में एसी के ज्यादा इस्तेमाल से लोड बढ़ा है।
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