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डाकघर जनसरोकार की ओर तेजी से बढ़ा रहा कदम, विभाग हुआ सक्रिय

यह अब लोगों की अन्‍य जरूर की चीजों को भी लोगों तक हर संभव पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। यहीं कारण है कि अब यहां मास्क से लेकर मखाना तक के अलावा पासपोर्ट व आधार कार्ड बनाने का काम भी यहां 2020 में शुरू हो चुका है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 04:12 PM (IST)
डाकघर जनसरोकार की ओर तेजी से बढ़ा रहा कदम,  विभाग हुआ सक्रिय
फरवरी अंत तक डाकघरों में उपलब्ध होगा मखाना के विभिन्न उत्पाद

जागरण संवाददाता, किशनगंज । अब डाकघर चिटटीर, पत्री और संदेश तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह अब लोगों की अन्‍य जरूर की चीजों को भी लोगों तक हर संभव पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। यहीं कारण है कि अब यहां मास्क से लेकर मखाना तक के अलावा पासपोर्ट व आधार कार्ड बनाने का काम भी यहां 2020 में शुरू हो चुका है। इसके पूर्व एलईडी बल्व, पंखा व गंगाजल समेत अन्य उपयोग की वस्तुएं भी विक्री हो रही हैं। कोरोना काल में खादी के मास्क के अलावा सैनिटाइजर तक उपभोक्ताओं को मुहैया कराया गया। अब मखाने का विभिन्‍न उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे।

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डाकघरों में उपलब्ध होगा 25-30 प्रकार के मखाना उत्पाद - मिथला का विश्व प्रसिद्ध मखाना अब डाकघरों में भी उपलब्ध होगा। सिर्फ मखाना लावा ही नहीं बल्कि मखाना के 25-30 प्रकार के विभिन्न उत्पाद की बिक्री जाएगी। जिसमें मखाना खीर, मखाना लावा, मखाना इंस्टेंट मिल्क शेक, फूल मखाना, मखाना मिनी मंच, मखाना अचार समेत अन्य उत्पाद शामिल होगा। शादी- विवाह, व्रत-उपवास, यज्ञ-हवन आदि को लेकर बढ़ती मांग को देखते हुए डाकघरों के माध्यम से इसे बेचने का निर्णय लिया गया है।

वोकल फॉर लोकल को मिलेगा बल

डाक विभाग का मानना है कि दुनिया को 70 फीसद के अधिक मखाना देने वाले मिथिलांचल इलाके में मखाना की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की गई है। अमूमन देखा जाता है कि किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा सुपौल, दरभंगा, मधुबनी समेत कोसी, सीमांचल व मिथिलांचल इलाके में उत्पादित मखाना देश विदेश में उपलब्ध होता है। हालांकि स्थानीय स्तर पर बमुश्किल से मिल पाता है। इसलिए प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के मंत्र को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके लिए बिहार डाक परिमंडल व मिथला नातुराल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक करार किया गया है। इस करार के तहत मिथिला मखाना के विभिन्न उत्पाद की बिक्री डाकघरों में की की जाएगी। सुविधानुसार ग्राहक नजदीकी डाघर से खरीद पाएंगे या फिर होम डिलीवरी के माध्यम से मंगवा पाएंगे। इसके अलावा अब विभिन्न प्रकार के मशाले की भी बिक्री डाकघर के माध्यम से की जाएगी।

क्‍या कहते हैं सहायक डाक अधीक्षक

सहायक डाक अधीक्षक संजीत कुमार भगत ने कहा कि सर्वे के अनुसार 70 फीसद मखाना का उत्पादन मिथिलांचल में हो रहा है। मखाना उत्पादक जिले में दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज शामिल है। डाक विभाग की यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक पहल है।

बोले मुख्‍य डाकघर के डाकपाल

प्रधान डाकघर के डाकपाल सुबोल सिंह ने कहा कि बिहार डाक परिमंडल के जीपीओ पटना से विभिन्न प्रकार के मिथिला मखाना उत्पाद की बिक्री जल्द शुरू की जाएगी। फरवरी के अंत तक जिले के डाकघरों में भी मखाना के सभी उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही आम, कटहल, मिर्ची, लहसुन के अचार की भी बिक्री होगी।


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