आंगनबाड़ी केंद्र : पोषण थाली से नौनिहाल होंगे तंदुरुस्त, बच्चों, गर्भवती महिलाओं की सेहत का रख रहा ख्याल
आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों के लिए पोषण परामर्श केंद्र स्थापित की जा रही है।
भागलपुर, जेएनएन। लॉकडाउन और कोरोना की वजह से भले ही आंगनबाड़ी केंद्र बंद है। लेकिन, बच्चों, गर्भवती महिलाएं और छह माह के नवजात के पोषण और आहार पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कुपोषित बच्चे के लिए जिला मुख्यालय में पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की जा रही है। पोषण आहार घर-घर भेजा जा रहा है। घर-घर क्यारी, पोषण की थाली के तहत बच्चों को पौषिटक आहार के रूप में प्रोटीन और कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे। दरअसल, जिले में करीब 2900 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत है। इसमें करीब ढाई लाख बच्चे, गर्भवती और कुपोषित महिलाएं शामिल हैं। आईसीडीएस की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी अर्चना कुमारी ने सितंबर महीने को पोषक महीने के रूप में मनाया जा रहा है। सरकार के निर्देश के बाद ही आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालित किया जाएगा।
दिए जा रहे पैकेट वाले दूध
प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि अभी बच्चे, गर्भवती महिलाओं को हर दिन सुधा का पैकेट दूध दिए जा रहा है। आने वाले दिनों में अंडा भी बच्चों को दिए जाएंगे। पौष्टिक आहार वितरण में किसी तरह की लापरवाही नहीं होगी, इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।
सेहत पर विशेष ध्यान
गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या दूर करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मौसमी सब्जियों व फल वाटिका में लगेगी। वाटिका में टमाटर, मूली, गाजर, सहजन, केला अमरुद आदि के पौधे लगाए जाएंगे। इम्यूनिटी बढ़ाकर कुपोषण को कम करना ही योजना का उद्देश्य है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों को स्थानीय स्तर पर गुणवत्ता पूर्ण सब्जी और फल अपने ही पोषण वाटिका से प्राप्त हो इसके लिए प्रेरित करने और उसे धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है।
पौष्टिक आहार बांट रहे
लॉकडाउन के दौरान अब महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण आहार नहीं मिल रहा है। अब जिले में सभी बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पौष्टिक आहार बांट रहे है। इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।।गुरुवार से जिले के सभी प्रखंड में प्रचार प्रसार किया जाएगा।