Bhagalpur Crime: पुलिस की पिटाई से स्कोर्पियो चालक की मौत मामले पर होगी बड़ी कार्रवाई, एसपी से डीआइजी ने मांगी रिपोर्ट
झंडापुर सहायक थाने की हाजत में आरोपित चालक की मौत पर दोषी पुलिसकर्मियों पर गिर सकती बड़ी गाज। नवगछिया एसपी से डीआइजी ने मांगी रिपोर्ट। थानाध्यक्ष समेत थाने में सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों पर किसी भी समय गिर सकती है गाज
जागरण संवाददाता, भागलपुर। झंडापुर सहायक थाने की हाजत में आरोपित स्कोर्पियो चालक विभूति कुमार उर्फ मनीष दास की फंदे पर लटकते मिले शव ने लोगों को हिला कर रख दिया है। रेंज डीआइजी सुजीत कुमार ने हाजत में फंदे पर झूलने से आरोपित चालक की हुई मौत मामले में जांच बैठा दी है। डीआइजी ने नवगछिया एसपी एसके सरोज से इस मामले में जांच कर अविलम्ब रिपोर्ट देने को कहा है। डीआईजी ने कहा है कि मामले में झंडापुर पुलिस राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के गाइडलाइंस का अनुपालन में कहाँ कोताही की। मामले में थाने में तैनात पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों की क्या भूमिका रही इसपर रिपोर्ट मांगी गई है। नवगछिया एसपी मामले में ज्यूडिशियल इंक्वायरी के लिए न्यायालय से अनुरोध करने की कवायद शुरू कर दी है। डीआइजी नवगछिया एसपी की रिपोर्ट आते ही तत्काल कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
हाजत में आरोपित को प्रवेश पूर्व बरती जाने वाली एहतियात में लापरवाही की बात आ रही सामने
थाने की हाजत में किसी भी आरोपित को प्रवेश करने के पूर्व सक्षम पुलिस पदाधिकारी उसके शरीर पर मौजूद धातु की बनी वस्तुओं अंगूठी, चेन के अलावा बेल्ट, घड़ी, जूते के अलावा उन तमाम वस्तुओं को बाहर सूची बना कर रख लेती है जिनसे हाजत में रहते हुए वह खुद या किसी दूसरे की जानमाल का नुकसान ना पहुँचा सके। अब तो थाने के साथ थाने की हाजत को भी सीसी कैमरे की जड़ में रखना अनिवार्य कर दिया गया है। थाने के संतरी ड्यूटी और ओडी अफसर को थाने के लैंडलाइन फोन पर आने वाले कॉल, वायरलेस मेसेज के अलावा हाजत की गतिविधियों भी निगरानी करना है। थानाध्यक्ष जिसे थाने का कस्टोडियन माना गया है, उसने अपनी जिम्मेदारी सही से पूरी नहैं कि नतीजा इतनी बड़ी घटना हो गई। अब चालक स्वयं फंदे पर झूल गया? या उसके साथ मारपीट हुई? जैसा कि शरीर के कई हिस्से पर चोट के निशान हैं यह जांच के दायरे में है।
यह भी कहा जा रहा है कि आरोपित को 23 अप्रैल को ही हिरासत में लिया गया था। हालांकि ऐसी कवायद पुलिस केस को तेजी से मुकाम तक ले जाने के लिए करती रही है, लेकिन ऐसे आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजने की तिथि को ही प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज करती रही है। ताकि पीड़ित पक्ष के तमाम सवाल नेपथ्य में ही रह जाए। पीड़ित पक्ष यह सवाल कर रहे हैं कि पिटाई से हुई मौत बाद पुलिस पेशबंदी में आरोपित चालक को गमछे के फंदे से लटका कर उसे खुदकुशी के रूप दे दिया है। वैसे इन आरोपों की हकीकत जानने के लिए जांच बैठा दी गई है। जांच रिपोर्ट आते ही शीघ्र कार्रवाई भी सामने आ जाएगी। घटना को लेकर पुलिस के आलाधिकारी भी सकते में हैं कि ऐसी घटना हुई तो कैसे हुई। जबकि हाल में बिहपुर में इंजीनियर आशुतोष की मौत पुलिस हिरासत में हुई पिटाई बाद हुई थी। बरारी पुलिस की हिरासत में 28 मार्च 2021 को लघु सिंचाईकर्मी मायागंज निवासी संजय कुमार अकेला उर्फ संजय यादव की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ और चालक की मौत का मामला सामने आ गया।