नक्सल आतंक : सिद्धू कोड़ा का सहयोगी नक्सली बाबूलाल गिरफ्तार
नक्सली सिद्धू कोड़ा की मौत के बाद बाबूलाल पटना में छिपकर रह रहा था लेकिन लॉकडाउन के बाद गांव लौट गया। बाबूलाल के खिलाफ कई थानों में कई संगीन मामले दर्ज हैं।
जमुई, जेएनएन। एसएसबी ने खैरा इलाके से सिदो कोड़ा (सिद्धू कोड़ा) के सहयोगी बाबूलाल टुडू को गिरफ्तार किया है। वह खैरा प्रखंड की हरणी पंचायत के अहराडीह गांव का निवासी है। सिदो की मौत के बाद वह पटना में छिपकर रह रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद गांव लौट गया।
एएसपी अभियान सुधांशु कुमार ने बताया कि बाबूलाल के खिलाफ खैरा और चकाई थाने में कई संगीन मामले दर्ज हैं। खलारी निवासी रीतलाल यादव हत्याकांड के अलावा पंचभूर तथा कोलजी घाट जंगल में खोज अभियान के दौरान सीआरपीएफ के साथ हुई मुठभेड़ का भी वह आरोपित रहा है।
सिदो कोड़ा की मौत के बाद वह पटना में छिपकर रह रहा था। बताया जाता है कि वह पटना के एक होटल में मजदूरी करता था। इसी बीच कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन के बाद होटल बंद होने से वह परेशान था। अन्य लोगों को घर लौटते देख बाबूलाल भी अपने घर लौट आया।
सिद्धू कोड़ा की मौत के बाद उलझन में नक्सली
नक्सलियों के प्लाटून कमांडर और दुर्दांत नक्सली सिद्धू कोड़ा की मौत के बाद उसके स्थान पर नए प्लाटून कमांडर की जगह भरने को लेकर नक्सली संगठन उलझन में पड़ा है। यही कारण है कि 11 लाख के इनामी नक्सली की मौत के एक सप्ताह बाद भी नए कमांडर के रिक्त पड़े पद को अब तक नहीं भरा जा सका है। हालांकि, संगठन की स्पेशल एरिया कमेटी के सचिव और फिलहाल लखीसराय के जंगलों में जमे प्रवेश दा, जेबी जोन के प्रवक्ता अविनाश दा, बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, पिंटू राणा और करुणा दी लगातार नए कमांडर के चयन को लेकर आपस में दूरभाष के जरिये मंथन करने में जुटे हैं, लेकिन इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान के कारण अब तक संगठन की बैठक नहीं हो पा रही है। नतीजा, संगठन सिद्धू की जगह नए कमांडर का चयन नहीं कर पाया है। इधर, सिद्धू की मौत के बाद बरमोरिया के इलाके में भ्रमणशील नक्सली दस्ता भी भेलवाघाटी कैंप के जवानों के बढ़े मूवमेंट को देखकर पिछले तीन दिनों से लोकाय नयनपुर के जंगलों में प्रवेश कर गया है।