पीएम आवास योजना: मुंगेर में 5739 लोगों ने नहीं बनाया आशियाना, डकार लिए 25.45 करोड़ रुपये
पीएम आवास योजना में मुंगेर में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। आवास योजना के 5739 लाभुकों ने बिना घर बनाए 25 करोड़ रुपये उठा लिए। प्रशासन ने इसको लेकर अब सख्त रुख अपना लिया है। ऐसे लाभुकों पर अब...
जागरण संवाददाता,मुंगेर। गरीबों को सपनों का घर बनाने के लिए दी जाने वाली सहायता राशि पाकर भी जिले में 5739 लोग ऐसे है, जिन्होंने आवास नहीं बनाया है। सरकार की ओर से दी गई अनुदान की राशि 25.45 करोड़ रुपये भी डकार लिए। अब इन लाभुकों पर प्रशासन का डंडा चलेगा, इसके लिए कवायद तेज कर दी गई है।
-वर्ष 2016 से 2020 तक जिले के 25 हजार 847 लोगों को आवास योजना स्वीकृत
-अलग अलग किश्तों में दी जाती है एक लाख 30 हजार का अनुदान
ऐसे लोगों को प्रशासनिक स्तर पर चिन्हित कर लिया गया है और इनके खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि इन लोगों ने शीघ्र ही अपना आवास पूरा नहीं किया तो उन पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। उप विकास आयुक्त कार्यालय से सभी बीडीओ को पत्र लिखकर पैसा लेकर आवास नहीं बनाने वाले लाभुकों को आगाह करने को कहा गया है।
दरअसल, वर्ष 2016-17 व 2019- 20 में जिले के 25 हजार 847 गरीबों को चिन्हित कर इनके लिए आवास स्वीकृत किया गया है। इनमें 5739 लोगों ने राशि लेने के बाद भी अब तक अपना घर नहीं बनाया है। इस योजना के तहत चिन्हित गरीब परिवार को अलग-अलग तीन किश्तों में 1.30 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिया जाता है। पहले व दूसरे किश्त में 45- 45 हजार व तीसरे किश्त मेे 40 हजार दी जाती है।
पहले चेतावनी फिर दायर होगा निलाम पत्र वाद
आवास योजना को लेकर जिला प्रशासन की ओर से लगातार समीक्षा की जा रही है। इस क्रम को आवास पूरा नहीं करने वाले सभी लाभुकों को पहले उजला फिर लाल नोटिस भेजकर दिसंबर माह तक आवास पूरा करने की चेतावनी दी जाएगी, फिर भी इन लोगों ने आवास पूरा नहीं किया तो इनके विरुद्ध निलाम पत्र दायर किया जाएगा।
किस प्रखंड में कितना बना आवास
खडग़पुर - 1815
सदर - 1019
बरियारपुर- 604
टेटिया बंबर -519
धरहरा - 439
जमालपुर -331
संग्रामपुर -377
तारापुर -377
असरगंज में 258
-आवास योजना की राशि लेने के बाद भी अबतक आवास नहीं बनाने वालों को चिह्नित किया गया है। नोटिस भेजकर आवास पूरा करने के लिए सभी बीडीओ को निर्देशित दिए गए हैं। आवास पूरा नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी। -संजय कुमार, उप विकास आयुक्त।