Move to Jagran APP

जरायम के बादशाह लगाएंगे चौके-छक्के, आजमाएंगे कुश्ती में दांव पेंच Bhagalpur News

जेलों में स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस मौके पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन तो हर साल होता ही है लेकिन जल्द ही देश स्तर पर कैदियों की खेल प्रतियोगिता होने वाली है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 08:59 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:59 AM (IST)
जरायम के बादशाह लगाएंगे चौके-छक्के, आजमाएंगे कुश्ती में दांव पेंच Bhagalpur News
जरायम के बादशाह लगाएंगे चौके-छक्के, आजमाएंगे कुश्ती में दांव पेंच Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। बदले की आग और जुल्म से बगावत में कानून हाथ में लेकर संगीन जुर्म करने वाले कई खूंखार कैदी अब खेल के मैदान में ताकत दिखा रहे हैं। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में सजा काट रहे एक दर्जन से अधिक कैदी वॉलीबाल और क्रिकेट में दक्ष हो चुके हैं। दौड़, लंबी कूद और कुश्ती में भी पारंगत होने को हैं। सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द ये अपनी प्रतिभा का जौहर राज्य और देश स्तर की खेल प्रतियोगिता में दिखाएंगे।

loksabha election banner

जेलों में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस मौके पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन तो हर साल होता ही है लेकिन जल्द ही देश स्तर पर कैदियों की खेल प्रतियोगिता होने वाली है। जहां शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा से खेल विद्या में दक्ष सजायाफ्ता कैदी भी दमखम दिखाएंगे। मजे की बात यह है कि जेल प्रशासन ने खेल और खाद्य सामग्री तो उपलब्ध कराई पर इन कैदियों को प्रशिक्षण जेल उपाधीक्षक और विचाराधीन कैदियों ने ही दिया। इनमें पूर्व जेल उपाधीक्षक रहे वीरेंद्र राय और वर्तमान जेल उपाधीक्षक राकेश कुमार सिंह, विचाराधीन कैदी ललन यादव आदि ने दिया है। बाहर से कोई प्रशिक्षक नहीं बुलाए गए। जरायम की दुनिया से इतर खिलाडिय़ों के रूप में दक्ष बने कैदी हौसले के साथ दावा करते हैं कि वह वॉलीबाल, दौड़, लंबी जंप में प्रतिद्वंद्वी टीम को टिकने नहीं देंगे। क्रिकेट खेल में भी टक्कर देंगे।

इन कैदियों में दिखा बदलाव

वासुकी मंडल, डब्लू मंडल, करण मंडल, बसंत सिंह, प्रेम प्रकाश यादव, चांद, शाहिद, गिरिराज यादव, कुंदन मिश्रा, मनोरंजन सिंह, कुंदन तांती, चंदन साह, अमरेंद्र तिवारी, बंगाली दा उर्फ मणिपुरी आदि शामिल हैं।

रोज करते हैं चार घंटे का अभ्यास

ये कैदी सुबह योग साधना बाद दो घंटे फिर दूसरी पाली में शाम को दो घंटे खेल का अभ्यास करते हैं। सुबह की पाली में वॉलीबाल और शाम की पाली में क्रिकेट खेलते हैं। चना-गुड़, नींबू पानी, ग्लूकोज समेत तमाम सुविधाएं इन्हें जेल प्रशासन देता है।

कैदियों का खेल प्रेम उनके जीवन में बेहतर बदलाव लाएगा। वॉलीबाल और क्रिकेट आदि खेल में पारंगत इन कैदियों को जेलों में होने वाली राज्य और राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में मौका मिलेगा। - संजय कुमार चौधरी, जेल अधीक्षक, शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, भागलपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.