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सबौर में छत ढलाई होते ही गिर गया यात्री शेड का पिलर, निर्माण कार्य में मानक की अनदेखी

भागलपुर जिला के सबौर प्रखंड में चल रही विकास योजनाओं में लूट मची है। मानक की अनदेखी हो रही है। इसको देखने वाला कोई नहीं है। अधिकारियों तक को पता नहीं है कि किस मद से यात्री शेड का निर्माण हो रहा है और कौन करा रहा है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 05:52 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 05:52 PM (IST)
सबौर में छत ढलाई होते ही गिर गया यात्री शेड का पिलर, निर्माण कार्य में मानक की अनदेखी
सबौर में हो रहे विभिन्‍न विकास योजना का हाल

भागलपुर [ललन तिवारी] । कमिश्नरी और जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूरी पर पंचमुखी हनुमान मंदिर सबौर के पास एन एच 80 के किनारे यात्री सेड का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण की गुणवत्ता की बदतर स्थिति यह है कि एक ओर बनते जा रहा है और दूसरी ओर गिरते जा रहा है। सेड का ढलाई कर दिया गया है ।ढलाई होते ही सर जमीन पर खड़ी मुख्य पिलर गिर गया है ।छत भी कभी भी गिर सकता है।

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छत गिरने से हो सकता है बड़ा हादसा

मुख्य चौक होने के कारण वहां लोगों की भीड़ लगी रहती है ।छत गिरने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है इससे इनकार नहीं किया जा सकता। सरकार के किस फंड से यात्री सेड का निर्माण कराया जा रहा है इस बात को जब प्रखंड मुख्यालय से जानने का प्रयास किया गया तो बताया गया कि यहां के किसी फंड से योजना नहीं चली है। काम भागलपुर मुख्यालय से ही शायद किया जा रहा है।

नहीं है कार्यस्थल पर किसी प्रकार की जानकारी

कार्यस्थल पर न तो कोई बोर्ड है और ना ही कोई यह बताने वाला है कि यह काम किस कार्यकारी एजेंसी द्वारा किया गया है। हालांकि कार्य अधूरा है सिर्फ अभी ढलाई हुआ है। फिनिसिंग नहीं किया गया है। फिलवक्त काम बंद है ।लेकिन छत गिरने की स्थिति में है। बहर हाल यह तो एक वानगी है। अधिकतर जगहों पर विकास के काम कुछ इस प्रकार ही पूरा किया जा रहा है। यदि जांच हो तो और भी कई बड़े मामले उजागर हो सकते हैं।

पहले भी हो चुकी है कई अनयिमितता उजागर

बता दें की पहले भी सबौर में विकास योजनाओं पर बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हो चुकी है। ममलखा में सोलर लाइट लगाने के मामले में जहां कार्यकारी एजेंसी के मालिक जेल में हैं। वही नल जल योजना में पहले ही पांच मुखिया ,पंचायत सचिव और एक वार्ड सदस्य पर मुकदमा चल रहा है। इतना ही नहीं जिला परिषद महेश यादव द्वारा डीएम को पत्र देकर यह जानकारी दी गई है कि उनके द्वारा बनाया गया पथ और नाला को पंचायत की योजना से जोड़कर राशि की निकासी कर ली गई है जबकि उनके द्वारा किए गए काम पर राशि नहीं मिलने का जिला द्वारा रोक लगा दी गई है मामला जांच में चल रहा है। 


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