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भारत स्वच्छता अभियान : कचरा से बनेगा वर्मी कंपोस्ट, गांव में लोगों को मिलेगा रोजगार

बांका जिला के जयपुर गांव में विश्व बैंक की मदद से संपूर्ण भारत स्वच्छता अभियान के तहत पूरे गांव को स्वच्छ बनाया जाना है। गीला व सूखा कचरा को अलग-अलग रखने के लिए डस्टबीन दिया जा रहा हैा उससे वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगाा युवाओं को रोजगार मिलेगाा

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 01:07 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 01:07 PM (IST)
भारत स्वच्छता अभियान : कचरा से बनेगा वर्मी कंपोस्ट, गांव में लोगों को मिलेगा रोजगार
बांका के जयपुर गांव में विश्व बैंक की पहल से शुरू हो रहा स्वच्छता के साथ रोजगार देने की योजना

बांका, जेएनएन। जयपुर के पिछड़े गांव में भी सफाई को लेकर नगर पंचायत जैसा अनुभव हो रहा है। दरअसल, विश्व बैंक में जिले के चार प्रखंड में एक-एक पंचायत को गोद लिया है। संपूर्ण भारत स्वच्छता अभियान के तहत नीर निर्मल परियोजना से हर घर नल का स्वच्छ जल के साथ पूरे गांव को स्वच्छ बनाया जाना है। वर्ष 2014 से चला संपूर्ण भारत स्वच्छता अभियान 2019 में ओडीएफ के साथ संपन्न हो गया। अब स्वच्छ भारत फेज टू के तहत फिलहाल प्राथमिकता के तौर पर विश्व बैंक द्वारा चिन्हित पंचायतों में गीला एवं सूखा कचरा निपटान के लिए एक साल का बजट लगभग 25 लाख रुपये अतिरिक्त निर्धारित किया है। जो गांव को स्वच्छता के साथ ही युवाओं को रोजगार भी देगा। प्रयोग के तौर पर चलाई जा रही है योजना धीरे धीरे संपूर्ण भारत के हर गांव में लागू की जाएगी।

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गीला एवं सूखा कचरा के लिए हर घर में दिया गया है दो बाल्टी  

अब तक गांव में बीमारी फैलाने वाला जहां-तहां पड़ा कचड़ा रोजगार का द्वार खोलने वाला है। जयपुर पंचायत के सभी वार्ड में सफाई के लिए एक- एक ट्रॉली रिक्शा के साथ दो- दो लोगों की नियुक्ति की गई है। जिसे तीन हजार महीने खाते में भुगतान दिया जाएगा। प्रत्येक गाड़ी में सूखा एवं गीला कचरा डालने के लिए बड़े-बड़े छह डब्बे लगाए गए। गांव के बाहर इसका भंडारण किया जा रहा है। कचरे से बर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए प्रत्येक पंचायत में तीन से चार कट़ठा जमीन पर एक सॉलिड़ लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट सेंटर का निर्माण किया जाएगा। हर वार्ड से जमा किए गए कचड़े को सेंटर पर लाने के लिए एक ई-रिक्शा की व्यवस्था की जायेगी। जिसके चालक को साढे चार हजार रुपए महीने दिए जाएंगे। इस प्रकार सेंटर पर गीला कचरा से वरमिंग तैयार करने वाले कई युवकों को रोजगार का अवसर मिलेगा। साथ ही सूखा कचरा के लिए कमरे का निर्माण कराया जाएगा और फिर बाद में उसे कवाड़ जोड़ते हुए प्राप्त हुई आमदनी पंचायत के कोष में जमा होगा।

मनरेगा एवं पंचम वित्त आयोग का भी होगा समायोजन  

भारत सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी ओडीएफ फेज टू हर पंचायत में इंप्लीमेंट के लिए धीरे-धीरे मनरेगा के साथ पंचम वित्त आयोग से जोड़कर इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी है। फिलहाल जिला के कटोरिया, बौंसी, शंभूगंज एवं धोरैया प्रखंड के एक-एक पंचायत को विश्व बैंक इन योजनाओं को संचालित कर रही है।

 इन पंचायतों में चल रहा विश्व बैंक की योजना 

प्रखंड पंचायत कटोरिया - जयपुर, बौसी - अंगारू जबड़ा, शंभूगंज - भरत शीला, धोरैया- बटसार।

क्या कहते हैं एसबीएम के जिला कोऑर्डिनेटर

एसबीएम के जिला कोऑर्डिनेटर राहुल कुमार ने कहा कि संपूर्ण भारत स्वच्छता अभियान ओडीएफ फेज टू के तहत प्राथमिकता के तौर पर विश्व बैंक द्वारा संचालित नीर निर्मल परियोजना के तहत चल रहे पंचायतों में सॉलिड़ लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट का काम शुरु किया गया है। धीरे धीरे हर गांव में इस योजना को लागू किया जाएगा।


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