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कोसी में अब भी स्वास्थ सुविधाओं का लोगों को नहीं मिल पा रहा पूरा लाभ

कोसी क्षेत्र में अब भी स्वस्थ्य सुविधाओं में सुधार की जरूरत है। स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सालाना लगभग आठ करोड़ के बजट का प्रस्ताव लिया जाता है। विगत दो वर्षों में इससे धरातल पर कई कार्य हुए हैं लेकिन अब भी मुकम्मल पहल की जरुरत है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 10:28 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 10:28 PM (IST)
कोसी में अब भी स्वास्थ सुविधाओं का लोगों को नहीं मिल पा रहा पूरा लाभ
कटिहार में स्वास्‍थ्य सुविधाआें में सुधार की जरूरत

कटिहार, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग में मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने एवं संसाधन में सुधार को लेकर पहल की गई है। इससे सुधार भी हुआ है, लेकिन इसे पूरी तरह धरातल पर उतारने की जरुरत है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान सीमित संसाधन में स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर पहल किया है। स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सालाना लगभग आठ करोड़ के बजट का प्रस्ताव लिया जाता है। विगत दो वर्षों में इससे धरातल पर कई कार्य हुए हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा को माकूल बनाने को लेकर अब भी मुकम्मल पहल की जरुरत है।

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विकास को लेकर सदर अस्पताल में गैर संचारी रोगी के लिए अलग से क्लिनीक की व्यस्थ्सस, नशा मुक्ति केंद्र का जीर्णोंद्धार, पोस्टमार्टम रूम, एएनएम भवन का निर्माण, एनएससीयू भवन का निर्माण, प्रसव वार्ड का जीर्णोंद्धार, सहित अन्य विकास कार्य किया गया है। हाल ही में सदर अस्पताल में एक सौ बेड के भवन निर्माण का शिलान्यास किया गया है, जो अस्पताल की प्रमुख जरुरत को पूरा करने के लिए आवश्यक था। यद्यपि अस्पताल के आईसीयू वार्ड का कायाकल्प व इसके संचालन की पहल सहित अन्य व्यवस्था ओझल रही है। कोरोना काल में ट्रूनेट जांच के लिए अलग व्यवस्था के साथ अन्य व्यवस्था कारगर रही है।

प्रखंडों में कराया गया है सीएचसी का निर्माण 

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण लगभग 1.25 करोड़ की लागत से कराया गया है। इसमें कदवा, आजमनगर, बरारी, फलका, कोढ़ा व प्राणपुर में सीएसची का संचालन कर मरीजों को बेहतर सुविधा दी जा रही है। वहीं जिले में टीकाकरण अभियान सफल रहा है और सुरक्षित मातृत्व व प्रसव के तहत 10 हजार प्रसूता का सुरक्षित प्रसव कराया गया है। हालांकि अस्पतालों में दवाओं की व्यवस्था में भी अपेक्षित सुधार हुआ है। लेकिन चिकित्सकों की कमी अब भी बेहतर सुविधा में बाधक बनी हुई है। व्यवस्था में सुधार को लेकर ऑनलाइन मॉनिटङ्क्षरग की व्यवस्था से मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।


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