भागलपुर के लोगों ने कहा, टैक्स से दूर हो पैकेज्ड खाद्य-पदार्थ, लोकल उत्पाद को मिलेगा बढ़ावा
केंद्र और राज्य सरकार के बजट को लेकर भागलपुर के लोगों को भी तरह-तरह की आस है। लोगों का कहना है कि पैकेज्ड फूड को टैक्स फ्री कर देना चाहिए। इससे लोकल उत्पाद को बाजार में बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अगले माह पेश होने वाले केंद्रीय आम बजट का सभी वर्ग के कारोबारी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद पेश होने वाले इस बजट से उम्मीदें भी ज्यादा है। देश की आर्थिक स्थिति लॉकडाउन में पटरी से उतर गई है। ऐसे में इस बार का बजट खास होगा। शुक्रवार को आम बजट पर शहर के किराना व्यवसायियों ने अपनी-अपनी बातें दैनिक जागरण के समक्ष रखीं।
वहीं, किराना व्यवसायी मानव केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन में किराना दुकान खुले थे। घर-घर होम डिलीवरी भी किया गया। इसके बाद खासकर पैकेज्ड खाद-पदार्थों की कीमत में उछाल आया है। ब्रांडेड पैकेज्ड खाद-पदार्थ पर टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। आटा, दाल, चावल, बेसन आदि पैक फूड की कीमत न्यूनतम होनी चाहिए। प्लास्टिक पर बैन है, इसके एवज में न्यूनतम दर में पैकेट मैटेरियल पर उपलब्ध कराने की पहल हो।
ड्राई फ्रूट जंक्शन के अतिशय जैन ने बताया कि लॉकडाउन में किराना दुकानदारों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। लेकिन कुछ बाहरी उत्पाद पर टैक्स बढऩे से दाम बढ़े हैं। इस बार के आम बजट में मालवाहक दर पर वित्त मंत्री को विचार करने की जरूरत है। निर्यात टैक्स कम होने से ग्राहक और दुकानदार को राहत मिलेगी। लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच फरवरी में पेश होने वाले बजट से सभी वर्ग के व्यवसायियों को काफी उम्मीद है।
कृषि क्षेत्र में भी लोगों को आस
भागलपुर के लोगों को इस बार के बजट में कृषि क्षेत्र में भी आस है। लोगों का कहना है कि यहां पर फूड प्रोसेसिंग से संबंधित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए कई बार चर्चा हो चकी है। लेकिन, इसका काम अब तक धरातल पर नहीं उतर सका है। यहां पर नवगछिया इलाके में मक्का से संबंधित प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की जरूरत है। वहीं, मक्के की खेती भी यहां पर भरपूर मात्र में होती है। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।