साहपुर पंचायत में नहीं मिल रहा लोगों को नल का जल, योजना में मानक की अनदेखी पर लोगों में आक्रोश
महीनों बीतने के बाद भी नल से जल नहीं मिल सका है । पूरे पंचायत में कहीं भी योजना से संबंधित कोई भी बोर्ड या सूचना पट्ट नहीं लगा है इसलिए लोगों को यह भी पता नहीं है कि कौन संवेदक कार्य कर रहा है।लोगों में आक्रोश है।
जागरण संवाददाता, सहरसा । प्रखंड के साहपुर पंचायत में मुख्यमंत्री नल जल योजना की स्थिति बदहाल बनी हुई है। कार्य की गुणवत्ता पर स्थानीय लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं। महीनों बीतने के बाद भी नल से जल नहीं मिल सका है । पूरे पंचायत में कहीं भी योजना से संबंधित कोई भी बोर्ड या सूचना पट्ट नहीं लगा है इसलिए लोगों को यह भी पता नहीं है कि पीएचईडी विभाग की देखरेख में कौन सा संवेदक कार्य को मूर्त रूप दे रहा है। कभी भी कोई युवक आकर खुद को ठेकेदार या एजेंसी का मैनेजर बता लोगों से आधार कार्ड की मांग कर लेता है। पाइप बिछाने के कार्य के दौरान गांव के पीसीसी सड़क एवं नालियों को जहां-तहां क्षतिग्रस्त कर यूं ही छोड़ दिया गया है। लोगों को पानी तो नहीं मिला आवाजाही में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पंचायत के लिए लगभग तीन करोड़ की है योजना
साहपुर पंचायत 14 वार्ड में बंटा है। इनमें से दो वार्ड पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर एवं 12 वार्ड तटबंध के बाहर हैं । जहां योजना के तहत हर घर नल जल पहुंचना है । प्रत्येक वार्ड में लगभग 22 से 25 लाख सरकार का व्यय होना है । टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद कार्य ऐजेंसी है जिसके एवज में कई स्थानीय संवेदक कार्य कर रहे हैं । तटबंध के अंदर एक भी जल मीनार खड़ा नहीं किया गया है सीमेंट का आधार बनाकर छोड़ दिया गया है । वहीं वार्ड नंबर तीन, चार एवं सात में केवल जल मीनार पर टंकी रखा गया है । इसके अलावा सभी वार्ड की स्थिति बदहाल बनी हुई है ।
पाइप बिछाने एवं नल लगाने में अनियमितता
साहपुर पंचायत के विभिन्न वार्ड में पानी टंकी के समीप से पाइप बिछाने में अनियमितता सामने आई है । योजना के मॉडल एस्टीमेट के अनुसार शुद्ध पानी का पानी टंकी से पाइप तीन फीट भूमिगत होना चाहिए उसके स्थान पर कहीं एक फीट तो कहीं तो छह इंच नीचे पाइप बिछाकर खानापूर्ति की गई है। प्रत्येक परिवार में तीन कनेक्शन रसोई, स्नानागार एवं शौचालय में होना आवश्यक है। जिसका अनुपालन नहीं किया गया है । घर के बाहर एक ही स्थान पर तीनों नल का स्टैंड खड़ा कर दिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
ग्रामीणों की शिकायत पर योजना का भौतिक सत्यापन किए जाने के बाद उचित कार्रवाई के लिए विभाग जिला प्रशासन को लिखा जाएगा ।
विवेक रंजन, बीडीओ नवहट्टा