भाड़े पर नहीं, सहरसा में पैक्सों के पास होगा अपना खुद का गोदाम, दूर होगी भंडारण की समस्या
किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब बिहार के सहरसा जिले में किसानों के अन्न को अधिप्राप्त करने के लिए पैक्स को ये बहाना नहीं बनाना पड़ेगा कि जगह नहीं है। यहां अब पैक्स के खुद के गोदाम होंगे।
संवाद सूत्र, सहरसा: जिले में गोदाम के अभाव में धान- गेहूं व चावल भंडारण की बेहद समस्या हो रही है। चावल भंडारण और गेहूं खरीद के समय स्थिति और भी बिगड़ जाती है। बिहार राज्य खाद्य निगम को इसके लिए मधेपुरा जिला के आलमनगर व अन्य जगहों में भाड़े पर गोदाम लेना पड़ता है। फलस्वरूप चावल भंडारण में देरी होती है। कई- कई दिन तक चावल लदा वाहन गोदाम के आगे खड़ा रहता है, जिससे सहकारी समितियों को भी हानि का सामना करना पड़ता है। इसका बहाना बनाकर कई समितियां चावल भी डकार जाती है।अब यह समस्या दूर होनेवाली है।
जिसे में पूर्व से 14 गोदाम का कार्य चल रहा है, इसके अलावा 16 और नए गोदाम के लिए सहकारिता विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। इन गोदामों के निर्माण से भंडारण की समस्या दूर होगी। इससे प्रशासन और सहकारी समिति दोनो को भंडारण की परेशानी से निजात मिलेगी। गोदाम निर्माण के लिए सहकारिता विभाग द्वारा समितियों को पचास फीसद अनुदान दिया जा रहा है।
सभी प्रखंडों में अलग- अलग क्षमता का बनेगा गोदाम
वर्तमान समय में जिले के नौ प्रखंडों में गोदाम का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा 16 और गोदाम के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिले के सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के खजुरी पैक्स, पतरघट व्यापार मंडल, सौरबाजार और सूहथ पैक्स में 35-35 लाख की लागत से पांच- पांच सौ एमटी का गोदाम, सलखुआ प्रखंड के मोबारकपुर,सोनवर्षा प्रखंड के देहद, महिषी उत्तरर, तेलवा पूर्वी,भेलाही,मोहनपुर और पटुआहा में 14-14 लाख की लागत से दो-दो सौ एमटी और तथा चंदौर, कांप पश्चिमी पैक्स और नवहट्टा व्यापार मंडल में 58- 58 लाख की लागत से एक हजार एमटी के तीन गोदाम का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। अगले वित्तीय वर्ष तक इन गोदाम के निर्माण होने से भंडारण की समस्या दूर होने की संभावना है।
'पूर्व से निर्माणाधीन कुछ गोदाम का कार्य छत स्तर तक पहुंच गया है। नए गोदाम के लिए भी शीघ्र स्वीकृति मिलने की संभावना है। इससे जिले में भंडारण की समस्या पूरी तरह दूर हो जाएगी।'- शिवशंकर कुमार, डीसीओ, सहरसा।