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दवा नहीं दुआ के भरोसे हैं मरीज, अस्पताल में नहीं हैं कई जरूरी दवाइयां

मुंगेर के सदर अस्‍पताल के इंडोर से लेकर इमरजेंसी तक मानके अनुसार दवा उपलब्‍ध नहीं है। पहले अस्पताल में दवाओं की कमी होने पर दवा की खरीदारी की जाती थी लेकिन अब बजट की कमी बता कर स्थानीय स्तर पर दवा की खरीदारी नहीं की जा रही है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 03:34 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 03:34 PM (IST)
दवा नहीं दुआ के भरोसे हैं मरीज, अस्पताल में नहीं हैं कई जरूरी दवाइयां
इंडोर में 92 में 60 और इमरजेंसी में 28 में 20 दवाईयां हैं उपलब्ध

जागरण संवाददाता , मुंगेर। बेहतर चिकित्सीय सुविधा की आस लिए सदर पहुंचाने वाले मरीजों को दवा से अधिक दुआ के भरोसे रहना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अस्पताल में जरूरी दवाओं का भी अभाव है। अस्पताल में खांसी, उल्टी, सांस फूलने सहित एटिबाइटिक दवाओं का अभाव है। जिससे मरीजों को निजी दवा दुकानों से दवा खरीदनी पड़ रही है। पहले अस्पताल में दवाओं की कमी होने पर स्थानीय स्तर पर भी दवा की खरीदारी की जाती थी, लेकिन अब बजट की कमी का हवाला देकर स्थानीय स्तर पर दवा की खरीदारी नहीं की जा रही है। विभाग के एक कर्मी ने बताया कि पटना से जो सप्लाई आ रही है। उसमें कई गैर जरूरी दवाईयां आ रही है। जिस दवा की सर्वाधिक आवश्यकता है, वह दवा नहीं आ रही है। आउटडोर के 71 में 45 दवा ही उपलब्ध है। वहीं, इंडोर में 92 में 60, इमरजेंसी में 28 में 20 प्रकार की दवा ही उपलब्ध है।

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इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं हर दिन 500 से 600 मरीज 

सदर अस्पताल में 500 से 600 मरीजों को चिकित्सक देखते हैं। अस्पताल में दूर-दूर से ग्रामीण इलाके के मरीज इस उम्मीद के साथ सदर अस्पताल पहुंचते हैं कि उनके मर्ज का बेहतर इलाज होगा। चिकित्सक मरीज को देखने के बाद पर्ची पर दवा लिखते हैं। पर्ची लेकर जब मरीज दवा वितरण काउंटर पर जाते हैं, तो अधिकाशं दवा नहीं होने की बात बताई जाती है। ऐसे में मरीजों को महंगे दर पर निजी दवा दुकानों से दवा खरीदनी पड़ती है।

कहते हैं प्रबधक

सदर अस्पताल के प्रबंधक तौसिफ हसनैन ने कहा कि हां, यहां दवा की कमी है। विभाग को सूचित किया गया है। माह के अंत तक दवा की कमी दूर कर ली जाएगी।

सदर अस्पताल में चिकित्सक की कमी, गंभीर मरीज देखते ही कर दिया जाता है रेफर

सदर अस्पताल में चिकित्सकों का अभाव है। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं हैं। वहीं, हड्डी रोग विशेषज्ञ का भी अभाव है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह निवासी शफी आलम की 22 वर्षीय पुत्री रानी कुमारी को उनके गोतिया द्वारा मारपीट कर जख्मी कर दिया गया। स्वजन जख्मी हालत में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। उनके स्वजनो ने बताया चिकित्सक का कहना है कि सर में चोट लगी है। चिकित्सक ने उसे पटना पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया। स्वजनों ने कहा कि सदर अस्पताल की ऐसी व्यवस्था है कि छोटे से छोटे मामले में मरीज को रेफर कर दिया जाता है।


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