गांधीधाम साप्ताहिक स्पेशल में युवक को बेहोश कर लूटा, गोरखपुर से आ रहा था भागलपुर, JLNMCH में भर्ती
गोरखपुर से गांधीधाम साप्ताहिक स्पेशल में सवार हुआ था युवक थर्ड एसी बी-वन कोच में सफर कर रहे थे। गोरखपुर से भागलपुर आने के क्रम में यात्री के रूप में गिरोह के सदस्यों ने नरकटियागंज स्टेशन के पास दिया घटना को अंजाम।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। पुलिस के सुस्त पड़ते ही ट्रेनों में नशाखुरानी गिरोह फिर सक्रिय हो गया है। गुजरात से भागलपुर तक भाया मुंगेर चलने वाली गांधीधाम साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन में गोरखपुर से भागलपुर आ रहे युवक को बेहोश कर बदमाशों ने लूट लिया। उसके पास सोने की चेन, कपड़े से भरा बैग, पर्स जिसमें साढ़े तीन हजार रुपये व जरूरी कागजात थे। भागलपुर स्टेशन पर पहुंचने पर युवक को बेहोशी की हालत में उतारा गया और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया।
एक निजी कंपनी में कार्यरत राजाराम तिवारी के पुत्र गौरव कुमार त्रिपाठी (30) अपने घर गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) से गांधीधाम साप्ताहिक एक्सप्रेस से भागलपुर आ रहे थे। ट्रेन के थर्ड एसी कोच बी-वन (बर्थ संख्या-38) पर वह सफर कर रहे थे। उस कोच में गोरखपुर से ही एक अन्य युवक भी गौरव के साथ सवार हुआ था। रास्ते में बातचीत के दौरान गौरव की उक्त युवक से निकटता बढ़ गई। युवक ने गौरव के साथ खाना खाया। इसके बाद चाय पी। चाय पीने के बाद गौरव नरकटियागंज स्टेशन के पास बेहोश हो गए। आशंका जाहिर की जा रही है वेंडर के रूप में गिरोह के लोग ही ट्रेन में चाय बेच रहे थे। साढ़े पांच बजे गौरव के पिता ने मोबाइल फोन पर बात करने का प्रयास किया तो उसी बोगी में सफर कर रही एक महिला ने मोबाइल फोन रीसिव किया। महिला ने गौरव के पिता को बताया कि वह लड़खड़ा रहा था और मुंगेर स्टेशन के पास उतरने का प्रयास कर रहा था, लेकिन उनलोगों ने गौरव को रोक लिया। इससे पहले दोपहर एक बजे गौरव की उसके पिता से बात हुई थी। उस समय गौरव बिल्कूल ठीक था। समस्तीपुर रेलखंड पर नरकटियागंज स्टेशन के आसपास नशाखुरानी गिरोह के सदस्यों द्वारा घटना को अंजाम देने की आशंका जाहिर की जा रही है। जिस कोच में गौरव सफर कर रहा था उसमें चार-पांच यात्री ही थे।
जीआरपी थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि गांधीधाम साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन से एक युवक को बेहोशी की हालत में भागलपुर स्टेशन पर आरपीएफ द्वारा उतारने की सूचना है। इस बारे में आरपीएफ इंस्पेक्टर से कई बार बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन नेटवर्क की गड़बड़ी के कारण बात नहीं हो पाई।