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बांग्लादेश में भी जायका बढ़ाती है भागलपुर के इस पंचायत की मिर्च, दूध उत्‍पादन ने भी दिलाई पहचान

भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के परशुरामपुर पंचायत की काफी ख्‍याति फैली है। पंचायत में खेती ही है लोगों की आमदनी का मुख्य जरिया गेहूं मक्का व मिर्च की होती है पैदावार यहां दूध का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 10:41 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 10:41 AM (IST)
बांग्लादेश में भी जायका बढ़ाती है भागलपुर के इस पंचायत की मिर्च, दूध उत्‍पादन ने भी दिलाई पहचान
परशुरामपुर पंचायत की पहचान शारदा मंदिर से है।

भागलपुर [हीरालाल]। पीरपैंती प्रखंड की परशुरामपुर पंचायत देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी अपनी पहचान कायम किए है। पहलवानों के गांव से प्रचलित परशुरामपुर पंचायत के किसानों द्वारा मेहनत कर उगाई गई फसल गेहूं, मक्का और मिर्च काफी दूर-दूर तक भेजी जाती है। वहां की मिर्च तो कई प्रांतों के अलावा बांग्लादेश भी भेजी जाती है। यहां दूध का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। भरपूर दूध और दही होने के कारण यहां के युवाओं में पहलवानी का भी जबरदस्त शौक है। परशुरामपुर पंचायत की पहचान शारदा मंदिर से है यह काफी प्राचीन मंदिर है। यह लगभग 100 वर्ष पुराना हैं।

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शारदा मंदिर के सामने नाट्य कला परिषद का महत्व ऐतिहासिक है। यह लगभग सौ वर्ष पुराना है। यहां बसंत पंचमी के अवसर पर 3 दिनों तक लगने वाले मेले में तीनों रात में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा नाटक का मंचन किया जाता है। यहां ग्रामीण अपने संगीत अभिनय द्वारा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।

ऐतिहासिक महत्व

लगभग 100 वर्षीय मटुकी रजक बताते हैं कि पहले गांव से दक्षिण एवं बरबरिया गंगा की धारा बहती थी। चारों तरफ जंगल ही जंगल था। अंग्रेज यहां शिकार खेलने आते थे। गांव में एक ऐतिहासिक कुआं भी है। उपचार के लिए जाना पड़ता है पीरपैंती पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र है, जहां सिर्फ एक महिला एएनएम आती है।

बाढ़ आने पर मचती है तबाही

बाढ़ हर साल आती है। इससे लगभग 3 माह लोग परेशान रहते हैं। घर फसल एवं मवेशी को भी नुकसान होता है बाढ़ से तीन महीना बाजार आने-जाने वाला सड़क पानी में डूब जाने से मार्ग बाधित हो जाता है। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मदन यादव ने कहा कि पंचायत के लोग खेती पर निर्भर हैं। यहां गेहूं, मक्का और मिर्च की खेती मुख्य फसल है। ईख की खेती भी बड़े पैमाने पर होती थी, लेकिन बाढ़ के कारण नष्ट हो जाती थी। जिसके कारण ईख की खेती काफी कम हो गई है।

विजय यादव ने कहा कि लगभग हर वर्ष बाढ़ आती है और बरबरिया धार में बाढ़ का पानी भर से जाने से लगभग दो हजार बीघा जमीन पानी से डूबी रहती है। इसमें फसल नहीं होती है। पानी की निकासी की व्यवस्था करानी चाहिए, ताकि किसान खेती अच्छी तरीके से कर सकें।

पैक्स अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि पंचायत में विकास तो काफी हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य सेवा की कमी है। यहां एक उप स्वास्थ्य केंद्र जो एक एएनएम के भरोसे है। दियारा क्षेत्र होने के कारण इलाज के लिए जाने में काफी परेशानी होती है। पंचायत में एक बड़ा अस्पताल एवं डॉक्टर की व्यवस्था हो।

श्यामलाल यादव ने कहा कि खेती मजदूरी के अलावा बड़ी संख्या में लोग मवेशी पालते हैं। दूध भी काफी मात्रा में उत्पादन होता हैं, लेकिन उचित मूल्य नहीं मिल पाता हैं। मवेशी के इलाज के लिए पंद्रह किलोमीटर दूर जाना पड़ता हैं। पंचायत में मवेशी अस्पताल की व्यवस्था हो।

सकलदेव प्रसाद यादव ने कहा कि बाढ़ के पानी से गांव चारों तरफ घिर जाता हैं। बावजूद काफी मेहनत करके खेती कर फसल तैयार की जाती है, लेकिन फसल का उचित मूल्य नही मिल पाता हैं। इसके लिए मंडी का होना जरूरी हैं।

मो. सहीद ने कहा कि माधोपुर मुस्लिम टोला तक जाने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनी हैै। कुछ दूरी तक नहीं बना हैै जिसके कारण काफी परेशानी होता है। खासकर बरसात के दिनोंं में गंभीर समस्या हो जाती है अच्छी सड़क का निर्माण हो।

मो इदरीश ने कहा कि माधोपुर मुस्लिम टोला में एक मदरसा का निर्माण होना चाहिए तथा मस्जिद के बगल में एक शौचालय का निर्माण हो। मोहम्मद महफूज ने कहा कि बंगाली टोला में एक मदरसा बहुत जरूरी है।

इसका निर्माण होना चाहिए

सभी के सहयोग से पंचायत में काफी विकास कार्य हुआ है। बीते 5 वर्ष में 600 से अधिक लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जोड़ा गया। 734 जरूरतमंदों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया। 14 सौ राशन कार्ड बनवाया गया। बिजली की समस्या का निदान हो गया है। आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण, सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए भवन का निर्माण, मध्य विद्यालय अठनिया के भवन का निर्माण, 10 अंबेडकर चौपाल का निर्माण, पंचायत भवन का निर्माण एवं छठ घाट का निर्माण कराया गया है। पंचायतवासियों को पंचायत में ही एक छत के नीचे सारा कार्य निष्पादित हो ब्लॉक के चक्कर नहीं लगाना पड़े। इसके लिए प्रयास से पंचायत सरकार भवन की स्वीकृति मिल गई है। इस भवन को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराना है, ताकि पंचायतवासियों को पूरा लाभ मिल सके। - पवन कुमार यादव, मुखिया

पंचायत एक नजर में

मतदाता 76 सौ

आबादी 20 हजार

साक्षरता दर 70 प्रतिशत

शिक्षण संस्थान

यहां एक उच्च विद्यालय तीन विद्यालय एवं छह प्राथमिक विद्यालय है। उच्च शिक्षा के लिए कहलगांव एवं भागलपुर जाना पड़ता है।


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