पप्पू देव की मौत पर स्वजनों से मिल पप्पू यादव ने उठाए कई सवाल, बोले- मामले पर हो न्यायिक जांच
पप्पू देव की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद लगातार सहरसा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच सहरसा पहुंचे जाप संरक्षक पप्पू यादव ने देव की फैमली से मिल उन्हें ढांढस बंधाया। वहीं पप्पू यादव ने पूरे मामले पर सवाल उठाए...
जागरण टीम, सहरसा: पप्पू देव की मौत के बाद उनके स्वजनों से मिलने रविवार देर रात पहुंचे पूर्व सांसद सह जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने न्यायिक जांच मांग की। उन्होंने कहा कि एक बड़ा सवाल है कि पप्पू देव पर न्यायालय से कोई वारंट नहीं था, तो बिना वारंट के पुलिस देर रात क्यों पहुंची। जब गिरफ्तार किया गया तो किसे आपने लिखकर दिया कि किस केस में गिरफ्तार किया गया। कहा कि यह बड़ा विषय है जब रक्षक ही भक्षक बन जाय। उन्होंने कहा कि पप्पूदेव कौन थे क्या थे ये आज यह विषय नहीं है। विषय है क्या इनके तरफ से फायरिंग में किसी को गोली लगी। या कोई इस तरह की घटना घटी।
जाप संरक्षक ने कहा कि एक बजे बिना किसी थाने में केस के और बिना वारंट के पुलिस का पहुचना मंशा को साफ कर देता है कि यह प्रायोजित मर्डर है। इसकी सरकार न्यायिक जांच कराए। पप्पू यादव ने कहा कि मैंने कई बार सुना दोनों व्यक्ति से चाहे पप्पू देव हो या उनकी पत्नी एमएलसी का चुनाव मुंगेर से बेगूसराय से राजद के साथ या सुपौल लड़ना चाह रही थी। सरकार को चाहिए की इस पहलू को देखें। क्या कोई बड़ी साजिश तो नहीं है। इसके पीछे कौन ऐसी ताकत है। इतनी बड़ी घटना को बहुत साजिश के तहत चुप चाप अंजाम दिलाया गया। कहा कि हम नहीं मानते हैं कि छोटे लेवल पर इतनी बड़ी घटना घटी हो। कहीं न कहीं दो चार दिनों से या सप्ताह से कुछ न कुछ खिचड़ी पक रही थी। जिसका अंजाम एक बजे रात में दिया गया।
पूर्व मधेपुरा सांसद ने हेडक्वार्टर की एसआईटी टीम जांच करने और मोनिटरिंग हाई कोर्ट के न्यायाधीश से कराने की मांग की। कहा जो शामिल हैं उनको सजा मिले। सस्पेंड हो। साजिश को उजागर किया जाए, ताकि दुनिया ये समझे इस मौत के पीछे कोई एक ही पहलू नहीं है कई पहलू थे।
मीडिया ने जब सवाल किया कि पुलिस इस मौत को सीने में दर्द होने की बात कह रही है और उसी वजह से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि हो सकता है डाक्टर जो हालात और परिस्थितियां देखे होंगे। पुलिस कहती है दबोच लिया तो इतनी ज्यादा शरीर पर ,माथे पर,या हाथ पे या अन्य जगहों पर इतनी चोट कैसे है। इसका मतलब है कि किसी न किसी दुर्भावना के कारण ऐसा किया गया हो। उन्होंने पदाधिकारियों की पूरी तरह से काल डिटेल निकालकर जांच करने की मांग की। कहा कि वैज्ञानिक तरीके से टजांच होनी चाहिए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।