Organic farming: कम लागत में अधिक पैदावार, जानिए... कैसे करें खेती और कमाएं मुनाफा
Organic farming कटिहार में जैविक खेती के जरिए सब्जी सहित अन्य फसल उगा रहे हैं पंचलाल मंडल। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। इससे कम लागत में अधिक पैदावार किया जा रहा है। फसल की गुणवत्तापूर्ण दृष्टि से बेहतर है।
जागरण संवाददाता, कटिहार। जिले के समेली प्रखंड के मलहरिया पंचायत के बखरी गांव निवासी किसान पंचलाल मंडल सब्जी सहित अन्य फसलों की जैविक खेती खेती कर रहे हैं। कम लागत से अधिक मुनाफा भी कमा रहे हैं। खेतों में किसान जैविक खाद का प्रयोग कर रहे हैं। किसान पंचलाल बताते हैं कि रासायनिक खाद से खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो रही है। वहीं मानव स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत असर होता है। जैविक विधि से खेती करने को लेकर अन्य किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है। पंचलाल ने बताया कि पांच एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं।
मौसम के अनुकूल कद्दू , बैगन , खीरा, परवल, करेला, मिर्च आदि की खेती जैविक खाद से करते हैं। पंचलाल ने बताया कि 20 किलो गाय का गोबर, पांच किलो गोमूत्र, चार किलो दाल का बेसन, चार किलो गुड़, चार किलो बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी, बीस लीटर पानी मिलाकर एक टंकी में जैविक खाद तैयार करते हैं। जैविक विधि से खाद तैयार करने के साथ ही कीटनाशक तैयार होता है। इसके लिए गोमूत्र,नीम का पत्ता, गुजर लत्ती, धथूरा, अकबन का पत्ता, अलबीरा पानी में मिलाकर एक बर्तन में डालकर सड़ाने के बाद खेतों में स्प्रे किया जाता है। इस कीटनाशक से फसलों में कीड़ा नहीं लगता है। पंचलाल तीन वर्षों से जैविक खेती कर रहे हैं। जैविक खाद तैयार करने के लिए पशुपालन भी करते है। जैविक खाद के साथ ही वर्मी कंपोस्ट तैयार करने में कृषि समन्वयक सुमन झा का सहयोग भी मिल रहा है।
क्या कहते हैं प्रखंड कृषि पदाधिकारी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रविरंजन गौतम ने बताया कि जैविक खेती के लिए किसानों को विभागीय स्तर से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसकेे लिए अनुदान भी मिलता है। पंचलाल के साथ ही कई अन्य किसानों ने भी जैविक विधि से सब्जी सहित अन्य फसलों की खेती शुरू की है।