पैक्स चुनाव की बजी रणभेरी, पांच चरणों में होगा चुनाव, जानिए... कब क्या है Bhagalpur News
नौ दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच सभी पांच चरणों के चुनाव संपन्न होंगे। बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने इस आशय की विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है।
भागलपुर [जेएनएन]। बिहार में प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। सूबे के अन्य जिलों की तरह भागलपुर में भी पांच चरणों में पैक्स का चुनाव होगा। चुनाव बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार की देखरेख में होंगे।
प्रथम चरण का चुनाव नौ द्वितीय चरण का 11, तृतीय 13, चतुर्थ 15 और पंचम चरण का चुनाव 17 दिसंबर को होना है। प्रथम चरण में शाहकुंड, नारायणपुर और सन्हौला प्रखंड, द्वितीय चरण में सुल्तानगंज, बिहपुर और कहलगांव, तृतीय चरण में जगदीशपुर, खरीक और पीरपैंती, चतुर्थ चरण में गोराडीह, नवगछिया और रंगरा चौक, पंचम चरण में नाथनगर, सबौर, इस्माईलपुर और गोपालपुर प्रखंड के पैक्सों का चुनाव होना है। नौ दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच सभी पांच चरणों के चुनाव संपन्न होंगे। बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने इस आशय की विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। उसकी कापी जिला सहकारिता पदाधिकारी जैनुल आब्दीन अंसारी के पास भी पहुंच गई है। इस निर्णय के तहत उन पैक्सों का चुनाव होगा जो अवक्रमित हैं या फिर जिनका निर्वाचन देय है। मतगणना निर्वाचन के ही दिन या फिर उसके अगले दिन होगी। प्रमंडलीय आयुक्त के स्तर से इस चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। निर्वाचन की प्रक्रिया 23 दिसंबर तक समाप्त हो जाएगी।
प्राधिकार द्वारा जारी अधिसूचना में यह कहा गया है कि इस चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार किए जाने को ले कट आफ तिथि 16 अक्टूबर निर्धारित की गई है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन ग्यारह नवंबर को किया जाएगा।
सीधे निर्वाचित होने वाले एकल पदों जैसे अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष पद के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा। पर इन पदों की गणना निदेशक मंडल के लिए होगी। पूरे निदेशक मंडल पर आरक्षण का प्रावधान लागू होगा। पैक्स चुनाव को केंद्र में रख आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। इस आदर्श आचार संहिता के तहत अब बगैर राज्य निर्वाचन प्राधिकार के अनुमति के निर्वाचन पदाधिकारी, उप निर्वाचन अधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी, मतदान पदाधिकारी व गणना सहायक आदि के स्थानांतरण पर प्रतिबंध रहेगा। मतगणना का परिणाम घोषित होने तक कोई भी योजना आरंभ नहीं की जा सकेगी। किसी भी तरह का शिलान्यास नहीं किया जा सकेगा। वहीं प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप आदि की स्थिति में राहत कार्य व कोई अन्य कार्य किए जाने को ले किसी तरह की पाबंदी नहीं रहेगी।