मुंगेर: खेतों में आएगी हरियाली, किसानों के घर खुशहाली, जानिए क्या है तैयारी?
मुंगेर में कचरे से खाद तैयार किया जाएगा। इसके लिए नगर परिषद की ओर से कवायद शुरू कर दी गई हे। इस खाद का इस्तेमाल स्थानीय किसान कर सकेंगे। नगर परिषद की ओर से कचरे से खाद तैयार करने के लिए...
संवाद सूत्र, जमालपुर, (मुंगेर)। नगर परिषद क्षेत्र में जिस कचरे से शहर की स्थिति बदहाल और बदतर हो जाती थी, जो कचरा बीमारियों का घर था, वही अब लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। नगर परिषद ने बेहतर कचरा प्रबंधन को लेकर काफी गंभीर हो गया है। शहर से निकलने वाले कचरे का स्थायी समाधान निकाल लिया है। नगर परषिद ने गीला कचरा से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शहर से निकलने वाले कचरे से जैविक खाद बनाने के लिए दो एरोबिक बायो कंपोस्टर लगाए गए हैं।
-जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र में लगाए गए दो एरोबिक बायो कंपोस्टर, -बेहतर तरीके से खाद बनाने का हुआ काम तो बढ़ेगी कंपोस्टर की संख्या
इसके लगने से कचरे से जैविक खाद तैयार की जाएगी। किसानों को कम से कम दामों पर खाद उपलब्ध हाेगा। प्रयोग के तौर पर अभी दो कही कंपोस्टर लगाए गए हैं। नगर परिषद प्रशासन का मानना है कि यह प्रयास सफल रहा तो शहर के कई जगहों पर कंपोस्टर लगाए जाएंगे। कंपोस्टर से जैविक खाद बनाने के लिए न बिजली की जरूरत होगी और न मानव बल की। कंपोस्टर में कचरा रखने के 21 दिन बाद खाद तैयार हो जाएगा। इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं है। एक कंपोस्टर काे रखने के लिए महज 10 स्क्वायर फीट जमीन की जरूरत है। एक कंपोस्टर लगाने पर दो लाख रुपये का खर्च है।
एक कंपोस्टर से बनेगी डेढ़ एमटी खाद
एरोबिक बायो कंपोस्टर में तीन खाने हैं। हरेक खाने की क्षमता 500 क्विंटल है। तीनों खानों में 1.5 एमटी कचरा रखा जाएगा। औसतन एक कंपोस्टर में लगभग दो सौ घरों का गीला कचरा का निष्पादन होगा। गीला कचरे से कंपोस्ट खाद के निर्माण के लिए लगाए गए एरोबिक बायो कंपोस्टर लगाने में ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। उन्हें कम कीमत पर खेतों के लिए खाद उपलब्ध होंगे। नगर परिषद को राजस्व में भी इजाफा होगा।