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भागलपुर में दो हजार एकड़ में हो रही जैविक खेती, सरकार दे रही किसानों को मदद, इस तरह करें आवेदन

भागलपुर में दो हजार एकड़ में जैविक खेती हो रही है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रति हेक्‍टेयर साढ़े 11 हजार रुपये की मदद भी दी जा रही है। इसके लिए किसानों को आनलाइन आवेदन करना होगा।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 12:31 PM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 12:31 PM (IST)
भागलपुर में दो हजार एकड़ में हो रही जैविक खेती, सरकार दे रही किसानों को मदद, इस तरह करें आवेदन
भागलपुर में दो हजार एकड़ में जैविक खेती हो रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर।  जिले में दो हजार एकड़ में जैविक खेती हो रही है। जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद के लिए किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार पांच सौ रुपये की दर से अग्रिम अनुदान राशि उनके खाते में दी गई है। किसानों को सामग्री खरीद कराने की जिम्मेदारी किसान सलाहकार को दी गई है। विभाग द्वारा चिन्हित कंपनी से किसानों को जैविक खेती करने के लिए सामग्री की खरीद करना है। जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद नहीं करने वाले किसानों पर प्राथमिकी होगी। राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के खाते में सीधे अनुदान उपलब्ध करा रही है। लेकिन कई ऐसे किसान हैं, जो अनुदान लेकर सामान की खरीद नहीं कर रहे हैं। अनुदान के लिए सरकार ने दो करोड़ 30 लाख रुपये विभाग को उपलब्ध कराया है।

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किसान सलाहकार खरीद कराएंगे सामान

जैविक खेती से संबंधित जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद नहीं करने वाले किसानों पर प्राथमिकी होगी। यह निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा ने दी है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में विभाग द्वारा चिन्हित कंपनी से जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद के लिए किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार पांच सौ रुपये की दर से अग्रिम अनुदान राशि उनके खाते में भेज दी गई है। इस राशि से किसानों को जैविक खेती करने के लिए सामग्री की खरीद करनी है।

किसानों को सामग्री खरीद कराने की जिम्मेदारी किसान सलाहकार को दी गई है। कृषि पदाधिकारी ने कृषि समन्वयक को निर्देश दिया है कि वे अपनी निगरानी में जैविक उपादान सामग्री की खरीद कराकर ही अपने नए पदस्थापित पंचायत में योगदान दें। प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रतिदिन सामग्री वितरण की निगरानी कर प्रतिवेदन जिला कृषि पदाधिकारी को देंगे। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि यह योजना तीन वर्षों का है। पिछले वर्ष भी अग्रिम राशि किसानों के खाते में भेजी गई थी। समूह के वैसे किसान जिनके खाते में अग्रिम राशि भेजी गई है, यदि सामग्री की खरीद नहीं करते हैं तो उनके उपर धोखाधड़ी व सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाकर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त उनके उपर सर्टिफिकेट केस भी किया जाएगा। पिछले वर्ष की अनुदान की राशि की भी वसूली की जाएगी।

24 समूह का हुआ है गठन

जैविक खेती करने वाले किसानों के 24 समूह का गठन किया गया है। 24 समूह में 2028 किसान जुड़े हैं। सहकारिता से पांच समूह को जोड़ा गया है, जबकि एफपीओ से 19 समूह जुड़ा है। सभी 2028 किसान जैविक खेती करने को लेकर प्रशिक्षित किए गए हैं। इन किसानों के समूह को बसोका से मान्यता मिल गई है और इन्हें सी-1 प्रमाणपत्र मिल गया है। जिले के सुल्तानगंज, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती, खरीक, रंगरा चौक में जैविक खेती हो रही है। खेती के लिए प्रोम, नीम तेल, बीज, पीएसबी, एनपीके, ट्राइकोडर्मा, केएमबी, एजेटाबेक्टर व बर्मी बेड आदि की खरीद के लिए अनुदान दिया जा रहा है।

सी-2 सर्टिफिकेट लेने की तैयारी

जिले में समूह स्तर पर पिछले साल से जैविक खेती हो रही है। किसानों के समूह को जैविक खेती करने के लिए सी-1 सर्टिफिकेट मिला है। किसानों ने अभी तक एक बार जैविक खेती की है। अगर किसान दूसरी बार खेती करते हैं तो समूह को सी-2 सर्टिफिकेट मिलेगा। किसान इसकी तैयारी कर रहा है। इसके बाद किसानों को सी-3 सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके बाद इन किसानों का उत्पाद जैविक उत्पाद हो जाएगा। अनुदान की राशि से किसान बायो फर्टिलाइजर, बायो नाइट्रोजन, बीज आदि की खरीद कर सकेंगे। किसान भिंडी, बैगन, परोल, टमाटर, परवल, मिर्च, फूल गोभी, बंधा गोभी आदि सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं।

जैविक खेती को सरकार बढ़ावा दे रही है। ऐसे किसानों सरकार अनुदान दे रही है। लेकिन कई किसानों ने अनुदान लेने के बाद भी जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद नहीं की है। ऐसे किसानों से राशि वसूल पर केस दर्ज कराया जाएगा। ऐसे किसानों का रजिस्ट्रेशन भी रद किया जाएगा। उन्हें अन्य योजना का लाभ नहीं मिलेगा। -कृष्णकांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी  


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